वैसे तो हम रोज अपने आस-पास के प्रदूषित वातावरण से रूबरू होते हैं लेकिन हवा में फैले जहर की ओर हमारा ध्यान तब ही जाता है जब अखबारों या टीवी चैनलों पर इससे जुड़ी सुर्खियां देखते हैं. दुख की बात ये कि जब भी हम इस मुद्दे पर बातें करते हैं तो उन पशु- पक्षियों को नजरअंदाज कर देते हैं जो हमारे साथ इसी वातावरण में जी रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के लिए 13 साल की एक छात्रा त्विसा राज ने एक लेख लिखा है जो वायु प्रदूषण के मसले को पशु-पक्षियों और हमारे घरों में रह रहे पालतू जानवरों के संदर्भ में भी देखता है. लेख में छात्रा ने लिखा है कि जानवरों के प्रति उनका एक विशेष तरह का लगाव है जिसके चलते उन्होंने दो कोकाटियल पंछी अपने घर पर पाले थे. लेखिका बताती हैं कि पंछी जब बहुत छोटे थे वे तब ही उन्हें अपने घर ले आए थे और लंब वक्त से साथ रहने से उनका पंछियों के प्रति लगाव भी बहुत बढ़ गया था. लगाव इस कदर था कि पंछियों के लिए हवा साफ हो इसलिए उनके परिवार ने एक एयर प्योरिफायर भी खरीदा था, जिसे हमेशा चालू रखा जाता था.
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हालांकि दीवाली के कुछ दिन पहले पंछियों में से एक पंछी बीमार रहने लगा था. पंछी इस कदर बीमार पड़ गया था कि वह ठीक से अपने पंख भी फड़फड़ा नहीं पा रहा था, पंछी बीमारी के चलते मुश्किल से कभी चहचहा पाता था और जब मुंह भी खोलता तो दर्द भरी आवाज ही निकलती थी. इसके बाद जब पंछी को चिकित्सक के पास ले जाया गया तो डॉक्टर ने बताया कि पंछी सांस लेने की बीमारी से गुजर रहा है. इसके बाद परिवार ने पूरी कोशिश करी कि वो अपने इस पालतू पंछी को दोबारा ठीक कर सकें लेकिन इस दिशा में उन्हें निराशा ही हाथ लगी. लेखिका बताती हैं कि उन्होंने देखा कि उनका पंछी किस तरह से प्रदूषण से लड़ रहा है. इसके बाद पंछी ने लेखिका के हाथों में दम तोड़ दिया क्योंकि पंछी के फेफड़े पूरी तरह से खराब हो चुके थे.
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त्विसा ने लिखा है कि इस साल भी लोगों का ध्यान प्रदूषण की ओर तब गया जब दीवाली के बाद हवा की गुणवत्ता और भी गिर गई. अमूमन हमें ये लगता है कि दीवाली के बाद प्रदूषण बढ़ा है लेकिन हवा की हालत रोज ही खराब रहती है और हमारा ध्यान इस ओर नहीं जाता है. हमें इस प्रदूषण के मुद्दे की ओर दूरगामी दृष्टिकोण रखने की जरूरत है. लेखिका लिखती हैं कि हमें लगता है कि कोई बाहर से आकर हमारी समस्याओं का समाधान कर देगा कि जबकि प्रदूषण की समस्या का समाधान हर एक नागरिक की कोशिशों से होगा. इस बात को लेकर जागरुकता फैलाने की जरूरत है कि प्रदूषण से निपटने के लिए हर कोई निजी तौर पर भी योगदान दे सकता है. छात्रा ने लिखा है कि प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए बढ़ते उपभोक्तावाद को कम करने की जरूरत है क्योंकि इससे पर्यावरण को ही नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा प्रदूषण के खिलाफ छोटे-छोटे कदम उठाने से भी बहुत कुछ हासिल हो सकता है.
Lieutenant Governor VK Saxena wrote to CM Arvind Kejriwal over Delhi getting the tag of the most polluted capital city in the world, calling it a matter of "national shame" and a health emergency like situation warranting serious pondering.
Bihar's Begusarai emerged as the world's most polluted metropolitan area while Delhi was identified as the capital city with the poorest air quality, according to a new report.
Thai tourist hotspot Chiang Mai was blanketed by hazy smog Friday, as residents and visitors to the usually picturesque northern city were left wheezing in the toxic air.
Read on as we share a list of signs and symptoms of stroke to watch out for.
Air pollution, world's top environmental health risk, causes diseases, loss of healthy years, and preventable deaths.
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Opinion: It Is Delhi's Annual Pollution Season - Who Can Stop This?Bharti Mishra Nath
Monday November 06, 2023Delhi is choking once again. Thick, toxic smog has engulfed the national capital and its surrounding areas, making Delhi the most polluted place in the world.
Blog: Why This Is Already A Landmark Year In The Pollution FightChetan Bhattacharji
Tuesday December 14, 2021The air pollution last month made it the worst November in seven years since records began. This is a setback to the central government's already modest target to cut air pollution by 20-30% by 2024.
सरकारों ने आपके जीवन से खिलवाड़ कर लियाRavish Kumar
Thursday November 18, 2021हमारा दो घंटे का समय बर्बाद हुआ. चीफ जस्टिस एन वी रमना की यह टिप्पणी ज़हरीली हवा को लेकर होने वाली सारी सुनवाइयों का सार है. आज और सोमवार की नहीं, बल्कि हवा में फैल रहे ज़हर को लेकर पिछले पांच छह साल में सुप्रीम कोर्ट की जितनी भी सुनवाई हुई है उसका यही सार है.
किसान नहीं कार और कारखाना वाले फैला रहे हैं हवा में ज़हरRavish Kumar
Monday November 15, 2021केवल नौकरशाही और मीडिया का विभाजन नहीं हुआ है बल्कि प्रदूषण का भी हुआ है. भूगोल और मौसम के हिसाब से प्रदूषण की चिन्ताओं को बांट दिया है और उसे सीबीआई और ईडी के अफसरों की तरह विस्तार देते रहते हैं. जिस तरह अब सीबीआई के प्रमुख तक पांच साल के लिए मेवा विस्तार मिलेगा सॉरी सेवा विस्तार मिलेगा उसी तरह से वायु प्रदूषण को हर नवंबर के बाद अगले नवंबर के लिए विस्तार मिल जाता है.
From The 'World's Air Pollution Capital' To COP26Chetan Bhattacharji
Sunday October 31, 2021Prime Minister Narendra Modi flew out of Delhi for the climate talks just as the capital's skies darkened with pollutants in this peak air pollution season.