आज हिंदी दिवस के खास मौके पर फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी ने हमारी ज़ुबान हिंदी पर अपने नजरिए और सोच को साझा किया है. अपनी फिल्मों में अक्सर आसान और असरदार भाषा के लिए जाने जानें वाले हिरानी का मानना है कि हिंदी सिर्फ बातचीत का जरिया नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, सोच और पहचान का अहम हिस्सा है. ऐसे में उन्होंने अपनी फिल्मों से मज़ेदार किस्सों से लेकर नई पीढ़ी को हिंदी से जोड़ने की ज़रूरत पर रोशनी डालते हुए अपनी बात रखी है. राजकुमार हिरानी हमेशा से अपनी फिल्मों में आसान और असरदार हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते आए हैं. ऐसे में आज हिंदी दिवस के मौके पर जब उनसे पूछा गया कि हिंदी की ताकत क्या है, तो उन्होंने बड़ी आसानी से जवाब देते हुए कहा, “हिंदी हमारी ज़बान है. बचपन से हमने हिंदी सुनी, हिंदी में बात की, हिंदी में सोचा. इसलिए जब हम कहीं भी अपने देश में या बाहर लोगों से अपनी ज़बान में बात करते हैं तो अपनापन लगता है. हालांकि अब बड़े शहरों में अंग्रेज़ी का प्रभाव बढ़ रहा है.”
हिंदी दिवस के मौके पर उनसे यह भी पूछा गया कि क्या भाषा सिर्फ बातचीत का जरिया है या हमारी पहचान का भी हिस्सा है. इस पर हिरानी ने कहा, “भाषा सिर्फ बोलने-सुनने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, सोच और पहचान का गहरा हिस्सा है. भाषा हमें अपनी कहानियों, लोकगीतों और इतिहास से जोड़ती है.” बातों ही बातों में उन्होंने एक मज़ेदार किस्सा शेयर करते हुए कहा, “मेरे लिए तो 3 इडियट्स का चतुर हिंदी के हास्य का कमाल नमूना है. ओमी अमेरिका में पैदा हुआ था और हिंदी बिल्कुल नहीं जानता था. जिस ढंग से वो हिंदी बोलता था, सुनकर हंसी आती थी. इसी वजह से उसे फिल्म में कास्ट किया गया. उसका टीचर्स डे का भाषण आज भी लोगों को हंसाता है.”
आज की नई पीढ़ी के बारे में हिरानी का मानना है कि उन्हें हिंदी से जोड़ना माता-पिता की जिम्मेदारी है. “काम मुश्किल है पर मां-बाप को कोशिश करनी चाहिए कि घर पर बच्चों से हिंदी में ही बात करें. उन्हें हिंदी गीत सुनाएं, हिंदी किताबें पढ़ाएं. बाहर तो बच्चे अंग्रेज़ी बोलेंगे ही, लेकिन कम से कम घर पर हिंदी ज़रूर बोलनी चाहिए.” आखिर में जब उनसे पूछा गया कि क्या हिंदी की सरलता ही उसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है, तो उन्होंने कहा, “हिंदी की सबसे बड़ी ताक़त यही है कि इसमें जैसा लिखा जाता है, वैसा ही बोला जाता है. अक्षर और ध्वनि का सीधा और स्पष्ट संबंध है. जबकि अंग्रेज़ी में उच्चारण और लेखन में बड़ा अंतर है. हिंदी बहुत सुलझी हुई भाषा है.” राजकुमार हिरानी की नजर में हिंदी सिर्फ एक भाषा या ज़बान नहीं है, बल्कि एक ऐसा रिश्ता है जो हमें हमारी जड़ों, संस्कृति और दिलों को एक दूसरे से जोड़ता है.
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