नई दिल्ली: कोरोना महामारी से लड़ाई में एक और हथियार मिल गया है. भारत की पहली नेजल वैक्सीन लॉन्च हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और विज्ञान और तकनीकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत बायोटेक की 'मेड इन इंडिया' कोविड-19 नेजल वैक्सीन 'इनकोवैक' को लॉन्च किया. भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन में किसी इंजेक्शन की जरूरत नही पड़ेगी, ये नाक में ड्राप के ज़रिए दी जाएगी. भारत बायोटेक के मुताबिक, सरकार को नेजल वैक्सीन iNCOVACC की प्रति डोज 325 रुपए मिलेगी, जबकि निजी अस्पतालों में 800 रुपये की पड़ेगी.
नेजल वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर ली जा सकेगी, जिसे covaxin और कोविशील्ड लेने वाले लोग ले सकेंगे. दोनों नाक में इसे 28 दिनों के अंतराल पर लेना होगा. उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही एहतियाती खुराक मिल चुकी है तो यह उस व्यक्ति के लिए नहीं है. यह उन लोगों के लिए है जिन्होंने अभी तक एहतियाती खुराक नहीं ली है.' इस नेजल वैक्सीन को केंद्र सरकार से 23 दिसंबर को मंजूरी मिली थी.
Delhi | Union Health Minister Dr Mansukh Mandaviya and Science and Technology Minister Jitendra Singh launch Bharat Biotech's nasal #COVID19 Made-in-India vaccine iNCOVACC. pic.twitter.com/cSpMIUTXsL
— ANI (@ANI) January 26, 2023
भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला ने कुछ समय पहले बताया था कि पोलियो की तरह नेजल वैक्सीन की भी चार बूंदें काफी हैं. दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी. यह सिंगल डोज वैक्सीन है, इस वजह से ट्रैकिंग आसान है. इसके साइड इफेक्ट्स भी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन के मुकाबले कम हैं. इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि सुई और सीरिंज का कचरा भी कम होगा.
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सन 2020 की गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोनो वायरस महामारी के कारण ठहर गई थी. तब भारतीय मूल की डॉक्टर कुलविंदर कौर गिल ने सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण के आदेश के खिलाफ बात की थी. लेकिन उनके इस रुख के चलते उन्हें चिकित्सा संस्थानों की ओर से मुकदमों और एक्स (ट्विटर) के पिछले प्रबंधन द्वारा सेंसरशिप का सामना करना पड़ा.
पहले, एक दिन में COVID-19 के 750 मामले रिपोर्ट हो रहे थे, जो अब 200 के नीचे पहुंच गए हैं. वहीं एक्टिव मामले जो 4500 के करीब जा पहुंचे थे, अब 2800 के आसपास ही हैं.
WHO ने कहा कि सबसे ज्यादा चिंता कोरोना (Coronavirus JN.1) के नए JN.1 वेरिएंट ने बढ़ा दी है. दुनियाभर में इसी वेरिएंट की मौजूदगी सबसे ज़्यादा पाई गई. वहीं संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होनो वालों की तादाद भी 42 % बढ़ गई.
अधिकारियों ने कहा कि देश में संक्रमण के मामले बढ़ने और जेएन.1 उपस्वरूप के मामलों की पुष्टि होने के बावजूद तत्काल चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि अधिकतर संक्रमित मरीजों ने घर पर रहकर उपचार का विकल्प चुना है और उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष सुखदेव ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, "जिले में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 के प्रसार पर अंकुश पाने के लिए एहतियाती कदमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया जाता है."