नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बाल दिवस के अवसर पर अपनी चार दशकों की यात्रा से रूबरू कराया. 10 चित्रों के माध्यम से सत्यार्थी बताते हैं कि बच्चों के अधिकारों के लिए उनकी यात्रा कैसे शुरू हुई. 14 वर्षीय साबो को वेश्यावृत्ति के लिए तस्करी से छुड़ाने से लेकर बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने वाले हजारों बच्चों का उद्धारकर्ता बनने तक सत्यार्थी जस्टिस फॉर एवरी चाइल्ड मिशन के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने बच्चों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अपनी लड़ाई तब तक जारी रखने की योजना बनाई है जब तक कि हर बच्चे को न्याय नहीं मिल जाता.
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