Monsoon 2025: जैसे ग्लोबल वॉर्मिंग से पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है तापमान बढ़ता है तो वातावरण में moisture यानी नमी भी बढ़ती है. एक डिग्री तापमान बढ़ने से वातावरण में नमी 6 से 8% बढ़ जाती है. 2025 में अब तक वैश्विक तापमान पूर्व औद्योगिक औसत से 1.2 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा रहा है. इससे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से ज़्यादा नमी वातावरण में पहुंची जिससे बादल जल्दी बने. कुल मिलाकर मॉनसून पर ग्लोबल वॉर्मिंग का भी असर दिख रहा है कई बार ये अनुकूल हो सकता है और कई बार विपरीत. इस बार उम्मीद है कि मॉनसून भारत के काफ़ी अनुकूल रहेगा जो देश की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए काफ़ी बेहतर बात है.
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