दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता (Air Quality) लगातार बिगड़ती जा रही है. ऐसे में इसका असर न सिर्फ सेहत पर पड़ रहा है बल्कि त्वचा भी इस दूषित हवा से खराब होने लगती है. वहीं एक अध्ययन में बांस से बनने वाले चारकोल को लेकर दिलचस्प बात सामने आई है. असल में चेहरे पर प्रदूषण से होने वाले नुकसान को चारकोल (Charcoal) कम कर सकता है. इसके फायदे त्वचा को भरपूर मिलते हैं और त्वचा बेहतर होने लगती है सो अलग. यहां जानिए और क्या कहता है यह अध्ययन.
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इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ मल्टीडिसिप्लेनरी रिसर्च एंड प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया है कि बांस से बनने वाला चारकोल पानी को शुद्ध करने के साथ-साथ चेहरे की सेहत के लिए भी फायदेमंद है. अध्ययन में पता चला है कि बांस का चारकोल वायु प्रदूषण के चलते हवा में मौजूद जहरीले तत्वों को चेहरे पर टिकने नहीं देता है. साथ ही भीषण गर्मी में इसकी परत त्वचा का बचाव भी करती है.
अध्ययन में कहा गया है कि बांस चारकोल (Bamboo Charcoal) प्राकृतिक रुप से कई खनिजों जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, एसीटिक एसिड, हाइड्रॉक्सिल बेंजीन आदि से भरपूर होता है. इससे बनी क्रीम या फेस वॉश बहुत फायदेमंद होते हैं जो जीवाणुओं की वृद्धि को रोकते हैं, चेहरे की त्वचा को कीटाणु रहित करते हैं तथा संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं को मार डालते हैं.
आयुथवेदा के निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने बताया कि एक्टिव बांस चारकोल से बना आयुथवेदा चारकोल फेस वॉश चेहरे की गंदगी और अशुद्धियों को बाहर निकाल कर त्वचा को साफ करता है. यह त्वचा को प्रदूषण से बचाता और अतिरिक्त तेल को सोख लेता है. इससे आसानी से मेकअप भी हट जाता है. जिम के दौरान वर्कआउट के बाद जमे हुए पसीने और विषाक्त पदार्थों को यह कुशलता से खत्म करता है. इसमें एक्टिव बांस चारकोल के साथ-साथ अति लाभकारी कमल, पलाश, गेंदा तथा गुलाब के फूलों एवं मौसम्बी और संतरे का अर्क भी मिलाते हैं.
बांस की कटाई के बाद इसे बहुत उच्च तापमान पर कार्बोनाइज किया जाता है जिससे इसका सतह क्षेत्र और वजन का अनुपात लगभग 1200:1 तक बढ़ाया जा सके. इस विधि से बने एक्टिव बांस चारकोल को विभिन्न उत्पादों में उपयोग किया जाता है.
जब एक्टिव बांस चारकोल के साथ फेस वॉश (Face Wash) बनाया जाता है तो यह त्वचा से विषाक्त एवं हानिकारक पदार्थों को अवशोषित करने में अधिक सक्षम होता है जिसके परिणामस्वरूप त्वचा अधिक स्वस्थ होती है. इसलिए इसका उपयोग मुंहासे के प्रभावी प्राकृतिक इलाज के रूप में किया जाता है.
डॉ. संचित शर्मा ने कहा कि चारकोल युक्त सौंदर्य प्रसाधन प्रदूषण से होने वाले विभिन्न त्वचा विकारों के खतरों को भी कम करते हैं. उनके मुताबिक बांस के टुकड़ों एवं जड़ों से चारकोल तैयार होता है. इसे ब्लैक डायमंड के नाम से भी जानते हैं. वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, बांस चारकोल इंफ्रारेड किरणों को भी रोकते हैं और त्वचा को इसके दुष्प्रभाव से बचाकर रखता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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Reported by: रवीश रंजन शुक्ला© Copyright NDTV Convergence Limited 2025. All rights reserved.