दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पराली के प्रबंधन के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management) द्वारा सुझाए कदमों पर बैठक करने का निर्देश दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ एक राज्य या सिर्फ एक हितधारक को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं.
इस मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओक ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए पंजाब में पराली जलाने को एकमात्र जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.
दरअसल, पंजाब के अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में 15 नवंबर के बाद का दिल्ली का AQI डेटा दिया है. उन्होंने कहा कि इसी दिन आखिरी बार पराली जलाने की घटना हुई थी.
पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि दिसंबर और जनवरी में दिल्ली AQI 400 को छू गया और पराली जलाने की घटनाओं के अंकुश के बावजूद यह जारी है.
पंजाब के AG गुरमिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पंजाब पराली जलाने को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन एक राज्य के तौर पर हम इसमें कितना योगदान दे रहे हैं? इस पर आप फैसला ले सकते हैं.
इस पर जस्टिस अभय ओक ने कहा कि आप सही कह रहे हैं. हम सिर्फ एक राज्य या सिर्फ एक हितधारक को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं. पराली के प्रबंधन पर CAQM का एक सुझाव वाला नोट है. हम उन्हें परामर्श के बाद हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं. CAQM 17 मार्च तक पक्षों के वकीलों के साथ अपने सुझाव प्रस्तुत करेगा.
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Written by: अवधेश पैन्यूली© Copyright NDTV Convergence Limited 2025. All rights reserved.