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तेजी से प्रदूषित हो रही दिल्ली की हवा के बीच हावी हो रही हैं ये बीमारियां, एक्सपर्ट से जानें बच्चे और बुजुर्ग कैसे रखें अपना ध्यान

Delhi Air Pollution: प्रदूषण की वजह से जो लॉन्ग टर्म साईड इफेक्ट्स होते हैं.

How To Stay Healthy During Pollution: दिल्ली प्रदूषण अब इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि डराने लगा है. टेक्निकल भाषा में समझें तो दिल्ली का प्रदूषण अब खतरनाक श्रेणी में गिना जा रहा है. बहुत सारे इलाके ऐसे हैं जहां अब प्रदूषण का लेवल पांच सौ पार कर चुका है. इस स्तर के प्रदूषण को बेहद गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है, जिसके बाद जाहिर है कि दिल्ली एनसीआर के लोग अपनी सेहत को लेकर परेशान होंगे. साथ ही अपने घर में मौजूद बच्चे और बुजुर्गों की सेहत की फिक्र भी उन्हें सता ही रही होगी. ऐसे मौके पर एनडीटीवी ने एक्सपर्ट्स से चर्चा कर पॉल्यूशन के खतरे को समझा और जाना कि इससे बचने के लिए क्या क्या किया जा सकता है.

बढ़ते प्रदूषण से बचने के तरीके | Ways To Avoid Increasing Pollution

प्रदूषण से होने वाले नुकसान:

बढ़ते प्रदूषण से क्या क्या खतरे हो सकते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है. ये समझने के लिए एनडीटीवी ने फरीदाबाद स्थित एम्स के रेसपिरेटरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. मानव मनचंदा से चर्चा की. डॉ. मानव मनचंदा ने प्रदूषण से होने वाले खतरों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि पॉल्यूशन की वजह से दो तरह खतरे होते हैं. एक शॉर्ट टर्म साइड इफेक्ट्स और एक लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स.

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प्रदूषण से होने वाले शॉर्ट टर्म साइड इफेक्ट्स

प्रदूषण से जो शॉर्ट टर्म साइड इफेक्ट्स होते हैं उसमें गले का खराब होना, खांसी होना, जुकाम होना और आंखों में खुजली होना आम समस्याएं हैं.

प्रदूषण से होने वाले लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स

प्रदूषण की वजह से जो लॉन्ग टर्म साईड इफेक्ट्स होते हैं. उसमें फेफड़ों का कमजोर होना, कैंसर होने की संभावना बढ़ना और हार्ट या ब्रेन पर उसका असर शामिल है. डॉ. मानव मनचंदा के मुताबिक जिन्हें पहले से कोई समस्या है वो समस्या और गंभीर हो सकती है. मसलन सीओपीडी, अस्थमा, लंग कैंसर अगर है तो उस पर प्रदूषण का असर डबल हो सकता है और मरीज कमजोर हो सकता है. हार्ट, लिवर और किडनी की इम्यूनिटी कम होने लगती है.

बच्चे और बुजुर्गों पर असर

डॉ. मानव मनचंदा के मुताबिक प्रदूषण का काफी असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है. क्योंकि दोनों की ही इम्यूनिटी बहुत कम होती है. इसलिए उनका सबसे ज्यादा ध्यान देना जरूरी है.

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प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें

डॉ. मानव मनचंदा ने कहा कि प्रदूषण से बचने का सबसे पहला तरीका है कि उससे अपना एक्सपोजर कम से कम करें. प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन हो रही हो तो डॉक्टर से पूछ कर आंखों में ड्रॉप डालें. इसके अलावा गले में खराश होने पर एंटी एलर्जी पिल्स लें. साथ ही गरारे और स्टीम भी लेते रहें.

बच्चे और बुजुर्ग क्या करें

बच्चे और बुजुर्ग ऐसे समय घर से बाहर न निकलें जब हवा में पॉल्यूशन बहुत ज्यादा है. अगर वॉक करने जाना है तो सुबह या रात का समय न चुनें जब प्रदूषण बहुत पीक पर होता है. धूप के समय घर से बाहर निकलना ज्यादा बेहतर होगा. जिन्हें दमा या दिल की कोई पुरानी बीमारी है वो अपना खास ख्याल रखें. घर वापस आने के बाद गरारे जरूर करें.

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एन 95 मास्क लगाएं

डॉ. मानव मनचंदा के मुताबिक कोविड काल के बाद लोगों ने मास्क लगाना बिलकुल बंद कर दिया है. लेकिन प्रदूषण के मौसम में मास्क लगाना सबसे ज्यादा जरूरी और सेफ तरीका है. अगर हो सके तो एन 95 मास्क का उपयोग करें. अगर नहीं तो कम से कम सामान्य मास्क लगाना ही चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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