आपकी गाड़ी 15 साल पुरानी है और आप दिल्ली में रहते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. दिल्ली सरकार ने ऐलान कर दिया है कि राजधानी के पेट्रोल पंप पर अब 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा. साथ ही ऐसी गाड़ियों को जब्त करने का अभियान भी दिल्ली सरकार ने शुरू कर दिया है. दिल्ली सरकार का प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ये बड़ा कदम है. आगामी 1 अप्रैल से 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर रोक लग जाएगी. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को यह आदेश जारी किया है. आदेश के तहत, 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को दिल्ली में पेट्रोल या डीजल खरीदने की अनुमति नहीं होगी. यह आदेश इस साल 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा.
उत्तर- सरकार ने साफ कर दिया है कि 15 साल से पुराने वाहनों को अगर सड़क पर पकड़ा गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. वाहन मालिक पर 5,000 से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा संबंधित कार या वाहन को जब्त भी किया जा सकता है. आपको बता दें कि सरकार का यह फैसला प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.
उत्तर- दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है. बीते कुछ वर्षों में नवंबर-दिसंबर के महीने में प्रदूषण के कारण देश की राजधानी किसी 'गैस चैंबर' की तरह बन जाती है. सर्दियों के मौसम में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर तक पहुंच जाती है. इसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं. वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार समय-समय पर जरूरी कदम उठाती रहती है. अब 15 साल पुराने वाहनों पर नकेल कसी जा रही है.
उत्तर- दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण रोधी उपायों पर चर्चा के लिए अधिकारियों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग के बाद कहा कि पेट्रोप पंप पर ऐसे उपकरण लगाए जाएंगे जो अधिक पुराने वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा. मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार इस निर्णय के बारे में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को सूचित करेगी, जिसके बाद मंत्रालय शहर के पेट्रोल पंप मालिकों को अधिसूचित करेगा. शहर में 425 से अधिक पेट्रोल पंप हैं. सिरसा ने कहा, ‘हम पेट्रोल पंप पर ऐसे उपकरण लगा रहे हैं, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा.'
सरकार की योजना दिसंबर 2025 तक, दिल्ली में सीएनजी चालित करीब 90 प्रतिशत सार्वजनिक परिवहन बसों को हटाने और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें परिचालित करने की है, ताकि स्वच्छ और अधिक टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा दिया जा सके. नये नियमों के कार्यान्वयन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के कई पेट्रोल पंप ने प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए पहले ही एआई (आर्टिफिशियल) से लैस कैमरे लगाए हैं. अधिकारी ने कहा, ‘ये कैमरे वर्तमान में उन वाहनों का पता लगाते हैं जिनके पास पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है और पेट्रोल पंप कर्मी ऐसे वाहनों को ईंधन देने से इनकार कर देते हैं.
हम वाहनों के अधिक पुराने होने का पता लगाने के लिए एआई से लैस कैमरों का भी उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए हमें अपनी प्रणाली को अद्यतन करने की आवश्यकता है.' उन्होंने कहा कि जिन पेट्रोल पंप पर अभी ऐसे उपकरण नहीं हैं, वहां जल्द ही इन्हें लगाया जाएगा. इसके अलावा, दिल्ली सरकार अधिक पुराने वाहनों की पहचान करने के लिए टीम तैनात करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोका जाए या यदि वे पहले से मौजूद हैं तो उन्हें हटा दिया जाए.
नवंबर में, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सर्दियों के महीनों में, वाहनों से होने वाला उत्सर्जन दिल्ली में प्रदूषण के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार है - इसकी (वाहनों से उत्सर्जन की) मात्रा पराली जलाने, सड़क की धूल या पटाखे फोड़ने से भी अधिक है. दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में 15 साल से पुराने वाहनों पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया है.' उन्होंने कहा, 'हमारे पास बिना प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र वाले वाहनों का पता लगाने के लिए पहले से ही उपकरण हैं और मुझे लगता है कि उसी प्रणाली का उपयोग 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है.'
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Edited by: अवधेश पैन्यूली© Copyright NDTV Convergence Limited 2025. All rights reserved.