Natural Ways to Fight Pollution: दिल्ली एनसीआर में सर्दियां आते ही स्मॉग एक गंभीर समस्या बन जाता है. हवा में घुला धुआं, धूल, गाड़ियों का प्रदूषण और पराली का असर मिलकर ऐसा जहरीला माहौल बना देता है, जिससे आंखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और लगातार खांसी जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं. खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. कई बार घर से बाहर निकलते ही आंखें लाल हो जाती हैं और फेफड़ों पर भारीपन महसूस होने लगता है.
स्मॉग का असर सिर्फ बाहर रहने से ही नहीं, बल्कि घर के अंदर भी महसूस होता है. बंद खिड़कियों के बावजूद प्रदूषित हवा अंदर घुस जाती है और धीरे-धीरे शरीर पर असर डालती है. लंबे समय तक स्मॉग के संपर्क में रहने से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और आंखों व फेफड़ों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि हम कुछ आसान लेकिन असरदार घरेलू उपाय अपनाएं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को सुरक्षा दे सकें.
स्मॉग के कारण आंखों में जलन और खुजली आम समस्या है. दिन में दो बार गुनगुने पानी से आंखें धोने से आंखों में जमा गंदगी और जलन कम हो सकती है. यह आंखों को साफ रखने में मदद करता है.
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भाप लेना फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. रोजाना 5-10 मिनट भाप लेने से सांस की नलियां साफ होती हैं और स्मॉग के कारण जमा गंदगी बाहर निकलने में मदद मिलती है. चाहें तो इसमें अजवाइन या यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूंदें डाल सकते हैं.
हल्दी में मौजूद प्राकृतिक गुण फेफड़ों की सूजन कम करने में मदद करते हैं. रात को सोने से पहले एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से खांसी, गले की खराश और स्मॉग के असर से राहत मिल सकती है.
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स्मॉग से बचाव के लिए घर के अंदर की हवा को साफ रखना भी जरूरी है. दिन में कुछ समय के लिए धूप आने दें और फर्श को गीले पोछे से साफ करें, ताकि धूल और प्रदूषण के कण कम हों. घर में तुलसी या एलोवेरा जैसे पौधे रखना भी फायदेमंद हो सकता है.
स्मॉग के समय शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है. गर्म पानी, हर्बल चाय और सूप पीने से शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकलने में मदद मिलती है और फेफड़े बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं.
अगर आप इन घरेलू उपायों को रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाते हैं, तो दिल्ली एनसीआर के स्मॉग के बावजूद आंखों और फेफड़ों को काफी हद तक सुरक्षित रख सकते हैं और खुद को ज्यादा स्वस्थ महसूस करेंगे.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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