देश में करीब 14 करोड़ लोग कपड़ा व्यापार से जुड़े हैं. जीएसटजी लागू होने के बाद इनमें से आधी की कमाई पर असर हुआ है. सूरत में एशिया के सबसे बड़े कपड़ा बाज़ार में दिवाली के समय धंधा आधा हो गया है और कई लोगों को पलायन करना पड़ रहा है.