आप चाहे उत्पादक हों, सप्लायर हों, विक्रेता हों या उपभोक्ता हों, हर चरण पर आपको सामान बनाने से लेकर बेचने और खरीदने तक टैक्स देना पड़ता है। इसे एक और बार यूं समझिये कि जब कच्चा माल किसी फैक्ट्री में आता है तब आने से पहले भी वो कहीं न कहीं टैक्स देकर आता है, फैक्ट्री से बनकर निकलता है तो उस पर टैक्स लग चुका होता है। आज प्राइम टाइम में देखिए इसी मुद्दे पर एक खास चर्चा...
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