चेन्नई के फेडरेशन ऑफ ओएमआर रेजिडेंट एसोसिएशंस के सह-संस्थापक हर्ष कोड़ा ने NDTV Helping Hand telethon में कोविड-19 को लेकर चुनौतियों का सामना करने के लिए बफर जोन स्थापित करने के लिए RWA की आवश्यकता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लगभग पूरा संचार व्हाट्सऐप और फेसबुक पर था. फॉरवर्ड और फेक न्यूज के लिए व्हाट्सऐप का जो नाम खराब है, हमने वह सब खारिज कर दिया- चाहे वर्षा जल संचयन दिखाना हो या टीकाकरण शिविर की घोषणा करना हो. अचानक चिकित्सा अधिकारी कहेंगे कि हमारे पास वैक्सीन की 20 शीशियां हैं, जिसका अर्थ है कि 200 लोगों को टीका लगाया जा सकता है, इसलिए हम व्हाट्सऐप करेंगे. जिस गति से हम लोगों तक पहुंचे हैं वह अद्भुत है, महान उपकरण. पहली लहर के दौरान हमने प्रवासियों की मदद की, उन्हें खाना दिया. यह अच्छा था. हमें लगा कि हम कुछ अच्छा कर रहे हैं. दूसरी लहर डरावनी थी, कई युवा प्रभावित हुए. जब लोग सचमुच बीमार होने लगे तो हम डर गए.
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