कई सिलाई स्कूलों के शिक्षक और उनके विद्यार्थी अपने स्थानीय पारंपरिक कला और शिल्प डिजाइन को अपने सिले उत्पादों में शामिल करने पर काम करते हैं. यह न केवल उन्हें बेहतर आय अर्जित करने में मदद करता है बल्कि स्वदेशी कला और शिल्प के संरक्षण और प्रचार में भी योगदान देता है. भुज में रबारी कढ़ाई, बिहार में सुजानी और मणिपुर में शादी के सेट कुछ पारंपरिक कलाएं हैं जिन्हें उषा सिलाई के नायकों और कारीगरों द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है.
© Copyright NDTV Convergence Limited 2024. All rights reserved.