बिहार की राजधानी पटना में 1 जनवरी, 1973 को जन्मे आनंद कुमार जाने-माने गणित शिक्षक हैं. छात्र के रूप में अपने जीवनकाल से ही गरीबी की पीड़ा को करीब से महसूस करने वाले आनंद ने उन गरीब छात्रों के लिए कुछ करने का फैसला किया, जो सही अवसर नहीं मिलने के चलते लगभग हमेशा हाशिये पर चले जाते हैं, खो जाते हैं.
साधारण पृष्ठभूमि वाले युवक ने शिक्षा के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों के प्रतिभाशाली छात्रों का उत्थान करने और उन्हें भारत के प्रमुख IIT तक पहुंचने में मदद करने के लिए जीवन समर्पित करने का फैसला किया. अपनी पहल 'सुपर 30' के माध्यम से आनंद कुमार साल-दर-साल गरीब विद्यार्थियों को IIT-JEE में कामयाबी दिलाने में मदद कर रहे हैं.
'सुपर 30' की नींव तब पड़ी, जब पिता के आकस्मिक देहावसान के बाद गरीबी के चलते आनंद के हाथ से कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ने का अवसर निकल गया. इसके अलावा आनंद को उच्चपदस्थ ताकतवर लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा. बस, इसके बाद आनंद नहीं चाहते थे कि कोई भी अन्य विद्यार्थी आर्थिक किल्लत के चलते पीछे रह जाए और इसीलिए उन्होंने अपने जैसे विद्यार्थियों के लिए काम करने का फैसला किया, और 'सुपर 30' का जन्म हुआ, जो 30 विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क आवासीय कार्यक्रम है.
'सुपर 30' कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को मुफ़्त भोजन, आवास और कोचिंग मिलती है. आनंद कुमार के लिए ये विद्यार्थी भी बड़े परिवार जैसे ही हैं, और उनकी इस कोशिश में उनका अपना परिवार उनका साथ दे रहा है.
'सुपर 30' के 18 वर्ष के इतिहास में अब तक 82 प्रतिशत विद्यार्थियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में जगह बनाई. शेष विद्यार्थी NIT में पहुंचे. इस उपलब्धि का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह है कि अधिकतर कामयाब उम्मीदवार समाज के सबसे ज़्यादा वंचित वर्गों से हैं - इनमें से कई तो बेहद गरीब ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं.
वर्ष 2019 में एक बेहद शानदार पल आया, जब आनंद को दुनिया की सबसे पुरानी सोसायटी कैम्ब्रिज यूनियन के निमंत्रण पर व्याख्यान देने के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में बुलाया गया. इन वर्षों में आनंद को उनकी प्रेरक यात्रा और 'सुपर 30' विद्यार्थियों की कहानियां साझा करने के लिए हार्वर्ड, MIT, स्टैनफोर्ड, ब्रिटिश कोलम्बिया विश्वविद्यालय और टोक्यो विश्वविद्यालय जैसे जाने-माने संस्थानों द्वारा भी आमंत्रित किया गया है.