अयोध्या के राम मंदिर में हर साल में एक बार रामलला के माथे पर विशेष 'सूर्य तिलक' लगाया जाएगा. प्रत्येक रामनवमी यानी कि भगवान राम के जन्मदिन पर उनको देश के वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किए गए विशेष सूर्य तिलक का उपहार मिलेगा. एक प्रमुख सरकारी संस्थान के वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक खास उपकरण डिजाइन किया है. मिरर और लेंस से बनाए गए इस उपकरण से राम नवमी के दिन दोपहर में सूर्य की किरणें सीधे 'रामलला' की मूर्ति के माथे पर पड़ेंगी.
मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि वह अयोध्या जायेंगे, लेकिन 22 जनवरी को नहीं. उन्होंने भाजपा पर चुनावी फायदे के लिए राममंदिर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया था.
कारों के पीछे एक विशालकाय रामरथ था, जिस पर मंदिर का आदमकद तैल-चित्र बनाया गया था और 'जय श्री राम' का तीव्र संगीत उस स्थान को एक दिव्य रूप और मंदिर जैसा अनुभव प्रदान कर रहा था.
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में श्रीरामलला के विग्रह के अधिवास के साथ शनिवार को मुख्यतः वास्तुपूजा हुई. इस पूजा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से अनिल मिश्र सपरिवार और विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक एवं अन्य लोगों ने पूजा की.
टेक्सास में ‘श्री सीता राम फाउंडेशन’ के कपिल शर्मा ने कहा कि 500 वर्षों के इंतजार के बाद अयोध्या धाम में भगवान राम के मंदिर का निर्माण दुनिया भर के हिंदुओं के लिए आस्था और उत्सव का एक महत्वपूर्ण दिन है.
एडीजी ट्रैफिक बीडी पॉल्सन ने बताया कि अयोध्या धाम में श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों की गाड़ियों को पार्क करने के लिए 51 स्थानों को चिन्हित किया गया है.
अयोध्या में होने वाले भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भक्तों की भक्ति से हवाई सफर भी अछूता न रह सका. जहां श्री राम के जयकारे आकाश की ऊंचाइयों पर भी सुनाई देते रहे.
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह (Ram Temple Pran Pratishtha Ceremony) के लिए तैयारियां जारी रहने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए व्यापक चिकित्सकीय तैयारी और प्रतिक्रिया योजना बनाने के वास्ते उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है.
अयोध्या में नवनिर्मित विशाल राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा है. भगवान राम से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं, जो उनकी महानता के साक्ष्य हैं.
सोमपुरा का कहना है, "वास्तुकला के इतिहास में राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) जैसा आर्किटेक्चर न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया की किसी भी जगह पर शायद ही कभी देखा गया होगा.