दिल्ली और एनसीआर में लाखों लोगों को खराब वायु गुणवत्ता का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. दिन-प्रतिदिन प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे आंखों में जलन और सांस की समस्या आम हो गई है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप कम से कम अपने घर में ताजगी और शुद्ध हवा बनाए रखें. इसके लिए कुछ पौधों को घर में लगाना फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि ये पौधे घर की हवा को शुद्ध करने में मदद कर सकते हैं. ये पौधे न केवल वातावरण से प्रदूषण को कम ही नहीं करते हैं, बल्कि यह ऑक्सीजन का उत्सर्जन कर हमें ताजगी का एहसास भी कराते हैं. तो चलिए जानते हैं कौन से पौधे लगाना चाहिए घर के अंदर.
1. स्नेक प्लांट:
इस पौधे को घर में गमले में लगाया जा सकता है, यह हवा को शुद्ध करने में माहिर है. स्नेक प्लांट रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करता है, इससे घर में ताजगी बनी रहती है. इसके अलावा यह एलर्जी और सांस की समस्याओं से भी राहत देता है.
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2. एलोवेरा:
एलोवेरा भी हवा को शुद्ध करने में मदद करता है. यह कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है, इससे घर का वातावरण ताजगी से भरा रहता है. यह पौधा धूल और प्रदूषण को भी कम करने में मदद कर सकता है.
3. लेडी पाम:
यह पौधा हवा से विषाक्त गैसों को दूर करता है. यह छोटे-छोटे रासायनिक तत्वों को भी अवशोषित करता है, जैसे कि बेंजीन और टॉलुइन. इसके साथ ही, यह नमी बनाए रखने में भी मदद करता है और कमरे में ताजगी का एहसास दिलाता है.
4. पीस लिली:
यह एक खूबसूरत फूलों वाला पौधा है, जो घर के अंदर हवा को शुद्ध करने में मदद करता है. यह मुख्य रूप से बेंजीन, फॉर्मल्डिहाइड और ट्राईक्लोरोएथिलीन जैसे हानिकारक रासायनिक तत्वों को अवशोषित करता है. इसके अलावा, यह वातावरण को ठंडा और शुद्ध बनाए रखता है.
5. स्पाइडर प्लांट:
वायु शुद्ध करने वाले सबसे प्रभावी पौधों में इसकी गिनती होती है. यह कार्बन मोनोऑक्साइड, बेंजीन और फॉर्मल्डिहाइड जैसी गैसों को अवशोषित करता है. यह पौधा घर के अंदर वातावरण को शुद्ध करने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य भी बढ़ाता है.
6. बांस का पौधा:
यह पौधा न केवल घर के वातावरण को शुद्ध करता है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक माना जाता है. यह वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है, जिससे घर का माहौल ताजगी से भरपूर रहता है. बांस के पौधे को घर के अंदर किसी भी स्थान पर आसानी से रखा जा सकता है और यह कम देखभाल की आवश्यकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: श्वेता गुप्ताDelhi and its adjoining areas are covered in smog and air quality is still in the 'very poor' category. The fourth stage of anti-pollution measures will remain in effect for three days as no sign of relief is expected soon.
With India already being home to the second-largest population of diabetics globally, understanding the role of air pollution in exacerbating this epidemic is critical for effective prevention and public health intervention.
On a good day, such as today, the AQI reading in Delhi is 407. We are jubilant at the sickly sunshine trickling through the slightly dissipated smog. At least its not 1600.
Besides breathing difficulties, other side effects include headache, dizziness, lethargy, irritability in throat, itchy eyes and compromised immune system. Air pollution contributes to everything, from diabetes to dementia, from infertility to malignancy.
GRAP-IV, or the fourth stage of anti-pollution measures in effect for Delhi and the National Capital Region, will remain in force for the next 72 hours, the Supreme Court said Friday, with the AQI in the city and surrounding areas at 371
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