दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी को मैनेज करने के लिए सरकार सख्त रुख अपना रही है और इसी कड़ी में सरकार ने पराली जलाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने को भी बढ़ा दिया है. अब 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर 30 हजार रुपये जुर्माना देना होगा. वहीं 2 एकड़ से कम जमीन पर जुर्माना 5 हजार होगा. जबकि 2 से 5 एकड़ के बीच जमीन पर जुर्माने की रकम 10 हजार होगी.
दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में रहने वाले लोगों की चिंता कुछ ज्यादा ही गहरा जाती है, क्योंकि यह इलाका प्रदूषण के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है. लोगों के निजी वाहनों से उड़ने वाले धुएं के इतर हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली भी प्रदूषण को विकराल बना देती है, जिससे यहां के लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक असर तो पड़ता ही है, उनका जीना भी दूभर हो जाता है.
सर्दियों के आते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा दिल्लीवासियों के लिए परेशानी का सबब बन जाती हैं. कई दिनों से यहां पर औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है. गुरुवार को भी दिल्ली का औसत एक्यूआई 362 दर्ज किया गया. सीपीसीबी) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह 5:15 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 दर्ज किया गया, जो कि बेहद की खराब श्रेणी में आता है.
इसके अलावा दिल्ली के अधिकांश इलाकों में एक्यूआई 300 से 400 के बीच में दर्ज किया गया. वहीं, दिल्ली के आठ इलाकों में एक्यूआई लेवल 400 के ऊपर बना हुआ है। इसमें आनंद विहार में 422, अशोक विहार में 416, बवाना में 407, जहांगीरपुरी में 431, मुंडका में 421, रोहिणी में 403, विवेक विहार में 407, वजीरपुर में 428 एक्यूआई दर्ज किया गया. जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में 252, गुरुग्राम में 313 गाजियाबाद में 303 ग्रेटर नोएडा में 273 और नोएडा में 271 एक्यूआई रहा.
एक दिन पहले भी दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार थी. दरअसल, सीपीसीबी के अनुसार मंगलवार की सुबह 7.30 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 358 दर्ज किया गया था. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है. दिल्लीवासियों को खासतौर पर बच्चे और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने के दौरान सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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