हिन्दी दिवस
हर साल 14 सितंबर को समूचा देश और दुनिया के कोने-कोने में बसे हिन्दीभाषी भारतवासी हिन्दी दिवस मनाते हैं. दरअसल, वर्ष 1949 में इसी दिन, यानी 14 सितंबर को संविधान सभा ने हिन्दी को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा बनाए जाने का फ़ैसला किया था. इस निर्णय के पीछे कारण था कि देश के बहुत बड़े हिस्से में ज़्यादातर हिन्दी ही बोली और लिखी-पढ़ी जाती थी. इसके बाद, इसी फ़ैसले की अहमियत समझाने और हिन्दी का देश के हर कोने तक प्रसार करने के उद्देश्य से वर्ष 1953 से समूचे देश में हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है.पीएम मोदी ने कहा कि विश्व पटल पर हिंदी के प्रति बढ़ता सम्मान सभी भारतीयों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है.
3 Idiots chatur is a great example of Hindi comedy आज हिंदी दिवस के खास मौके पर फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी ने हमारी ज़ुबान हिंदी पर अपने नजरिए और सोच को साझा किया है.
3 Idiots chatur is a great example of Hindi comedy आज हिंदी दिवस के खास मौके पर फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी ने हमारी ज़ुबान हिंदी पर अपने नजरिए और सोच को साझा किया है.
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है. हिंदी दिवस 2024 के मौके पर आपके लिए एक ऐसी किताब लेकर आए हैं जिसका हिंदी साहित्य में सिर्फ नाम ही काफी है. हिंदी साहित्य में कई ऐसे उपन्यास रहे हैं जो कालजयी रहे हैं. ऐसा ही एक उपन्यास के बारे में हम आपको बता रहे हैं.
क्या आप जानते हैं कि कब से इंग्लिश फिल्मों को हिंदी में डब करने की शुरुआत हुई. वो कौन सी फिल्म थी जो सबसे पहले हिंदी में डब होकर दर्शकों को देखने को मिली थी.
Hindi Diwas 2024: हिंदी दिवस 14 सितंबर को है. हम आपको हिंदी के उस साहित्यकार और उसकी किताब के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर बॉलीवुड ने फिल्म बनाई और ये फिल्म हिंदी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई. हम यहां बात कर रहे हैं हिंदी के जाने-माने साहित्यकार राजेंद्र यादव और उनके उपन्यास की.
Hindi Diwas 2024: नरेश सक्सेना के कविता संग्रह बहुत लोकप्रिय हुए. इस सादगी भरे कवि की पढ़ाई और लेखन का सफर भी बहुत सहज रहा लेकिन प्रेम और विवाह तक का सफर बेहद रोचक रहा, बिलकुल पुरानी हिंदी फिल्मों की कहानी की तरह.
रेणु का लिखा उपन्यास मैला आंचल पहला आंचलिक उपन्यास माना जाता है. जिसे आज भी पढ़ें तो वो ताजा हालातों का सटीक चित्रण लगता है. रेणु के और भी बहुत से उपन्यास लोगों ने पसंद किए.
Hindi Diwas 2024: गुनाहों का देवता जैसा सुंदर उपन्यास लिखने वाले महान साहित्यकार धर्मवीर भारती का पहला प्यार बस कहानी बनकर रह गया. उनका पहला प्यार, पहली शादी किसी बुरे ख्वाब की तरह रहा और फिर चकनाचूर हो गया.
हरिवंश राय बच्चन की ज़िन्दगी में उनकी पहली पत्नी श्यामा जी के देहांत के बाद एकाकी शामों ने डेरा जमा लिया था. एकाकी जीवन जी रहे हरिवंश राय बच्चन के लिए यह चाय पार्टी बेहद खास रही थी. यहां तेजी से हुई पहली मुलाकात ने उनके जीवन में नई रोशनी की दस्तक की तरह थी.
मुझे लगता है अमृता अपने आप में प्रेम का महाकाव्य हैं. मां बचपन में चली गईं, पिता से अपेक्षित नेह नहीं मिला, 16 साल की उम्र में विवाह हुआ. ये विवाह अपनी पराकाष्ठा पर नहीं पहुंच पाया और यहां अलाव को पनपने का मौका मिला. अमृता अपने पति प्रीतम सिंह के साथ तो नहीं रह सकीं, लेकिन उनका नाम आज तक अमृता से जुड़ा है.
Hindi Diwas GK Quiz:हिन्दी दिवस पर हम ऐसे तमाम अंग्रेजी के शब्दों का आपको हिन्दी बताते हैं, जो आम बोलचाल में हम इस्तेमाल नहीं करते. लेकिन इनका हिंदी नाम हमें जरूर जानना चाहिए.
Independence Day Questions Answers : इस साल 15 अगस्त को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं स्वतंत्रता दिवस से जुड़े 20 सवालों के जवाब जो आपको Independence Day के दिन इनाम दिलवा सकते हैं.
Hindi Diwas: कवि प्रदीप को 'देशभक्त कवि' माना जाता है. आज हम लेकर आए हैं, कवि प्रदीप से जुड़े कुछ खास सवाल. NDTV की इस क्विज की मदद से आप हिंदी के महान रचनाकार को और करीब से जान पाएंगे.
हिंदी में नुक़्ता के इस्तेमाल की सीमा क्या हो, मीडिया किस राह पर चले?Amaresh Saurabh
Monday October 14, 2024भाषा के कई विद्वान हिंदी में नुक़्ता का प्रयोग साफ तौर पर न किए जाने के पक्षधर हैं. इनका तर्क है कि बाहर से आए जिन शब्दों में नुक़्ता लगाया जाता है, उन शब्दों को अब हिंदी ने पूरी तरह अपना लिया है. जब वैसे शब्द हिंदी में पूरी तरह घुल-मिल चुके हैं, तो उन्हें हिंदी के बाकी शब्दों की तरह बिना नुक़्ता के ही लिखा जाना चाहिए. ज़्यादातर हिंदीभाषी उन शब्दों का उच्चारण भी वैसे ही करते हैं, जैसे उनमें नुक़्ता न लगा हो.
हिन्दी में तेज़ी से फैल रहे इस 'वायरस' से बचना ज़रूरी है...!Amaresh Saurabh
Friday November 29, 2024यहां हिंदी बोलने और लिखने में अंग्रेजी या दूसरी भाषाओं के शब्दों के बढ़ते इस्तेमाल की बात नहीं हो रही है. दूसरी भाषाओं के शब्दों को अपने में अच्छी तरह समा लेना तो अच्छी बात है. इससे तो हिंदी समृद्ध ही हो रही है.