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हिन्दी दिवस

हर साल 14 सितंबर को समूचा देश और दुनिया के कोने-कोने में बसे हिन्दीभाषी भारतवासी हिन्दी दिवस मनाते हैं. दरअसल, वर्ष 1949 में इसी दिन, यानी 14 सितंबर को संविधान सभा ने हिन्दी को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा बनाए जाने का फ़ैसला किया था. इस निर्णय के पीछे कारण था कि देश के बहुत बड़े हिस्से में ज़्यादातर हिन्दी ही बोली और लिखी-पढ़ी जाती थी. इसके बाद, इसी फ़ैसले की अहमियत समझाने और हिन्दी का देश के हर कोने तक प्रसार करने के उद्देश्य से वर्ष 1953 से समूचे देश में हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है.

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  • हिंदी में नुक़्ता के इस्तेमाल की सीमा क्या हो, मीडिया किस राह पर चले?

    हिंदी में नुक़्ता के इस्तेमाल की सीमा क्या हो, मीडिया किस राह पर चले?Amaresh Saurabh

    Monday October 14, 2024

    भाषा के कई विद्वान हिंदी में नुक़्ता का प्रयोग साफ तौर पर न किए जाने के पक्षधर हैं. इनका तर्क है कि बाहर से आए जिन शब्दों में नुक़्ता लगाया जाता है, उन शब्दों को अब हिंदी ने पूरी तरह अपना लिया है. जब वैसे शब्द हिंदी में पूरी तरह घुल-मिल चुके हैं, तो उन्हें हिंदी के बाकी शब्दों की तरह बिना नुक़्ता के ही लिखा जाना चाहिए. ज़्यादातर हिंदीभाषी उन शब्दों का उच्चारण भी वैसे ही करते हैं, जैसे उनमें नुक़्ता न लगा हो.

  • हिन्दी में तेज़ी से फैल रहे इस 'वायरस' से बचना ज़रूरी है...!

    हिन्दी में तेज़ी से फैल रहे इस 'वायरस' से बचना ज़रूरी है...!Amaresh Saurabh

    Friday November 29, 2024

    यहां हिंदी बोलने और लिखने में अंग्रेजी या दूसरी भाषाओं के शब्दों के बढ़ते इस्तेमाल की बात नहीं हो रही है. दूसरी भाषाओं के शब्दों को अपने में अच्छी तरह समा लेना तो अच्छी बात है. इससे तो हिंदी समृद्ध ही हो रही है.