लॉकडाउन की वजह से हजारों की संख्या में मजदूरों व अन्य पेशे से जुड़े कामगारों के सामने दो जून की रोटी का संकट पैदा हो गया है. काम नहीं है, पैसे नहीं हैं, बसें व ट्रेनें भी नहीं चल रही हैं, लिहाजा मजदूर पैदल ही सैकड़ों मील का सफर तय करने को मजबूर हैं. घर जाने वालों में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों की संख्या ज्यादा है. राज्य सरकारों ने उनकी मुश्किलें देखते हुए कुछ बसों की व्यवस्था जरूर की है लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है. दिल्ली से यूपी-बिहार लौटने वालों की संख्या हजारों में है. बस स्टेशनों व आसपास भारी संख्या में लोग मौजूद हैं. वहीं अब इन राज्य सरकारों ने यह तय किया है कि यूपी और बिहार लौटने वाले लोगों को सरकारी कैंपों (क्वारंटाइन सेंटर) में अनिवार्य रूप से 14 दिनों के लिए रहना होगा.
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