मुंबई से भी कई मजदूर अपने अपने गांवों की तरफ पलायन कर चुके हैं. गाड़ियां न होने के कारण लोग चलकर अपने घरों की तरफ निकले हैं. जो मजदूर शहर में रुके हुए हैं उनकी हालत भी कोई अलग नहीं है. स्थिति यह है कि 13 महीने के बच्चे को दूध तक नहीं मिल पा रहा है. लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है, पकाने के लिए सिलेंडर नहीं है. लोगों की शिकायत है कि सामान लेने के लिए बाहर निकलते हैं तो पुलिस मारती है.