International Yoga Day 2025: आज दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 21 जून के दिन योग दिवस मनाया जाता है. योग को आत्मा से मिलन का साधन माना जाता है. कहते हैं योगा ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर भी फायदेमंद होती है. ऐसे में इस खास दिन को सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन ने फ्री योगा सेशन देते हुए मनाया है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हुए ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) ने देशभर में 10,000 से अधिक रक्षा कर्मियों के लिए निःशुल्क योग सत्र आयोजित किए. कुल मिलाकर 2,500 से अधिक निःशुल्क सत्र आयोजित किए गए जिनमें रक्षा कर्मियों, कॉर्पोरेट पेशेवरों, छात्रों और नागरिकों ने हिस्सा लिया.
यह बड़े पैमाने की पहल 11,000 से अधिक योग वीरों के प्रशिक्षण के माध्यम से संभव हुई जिन्होंने डिफेंस फेसिलिटी, स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालय परिसरों, जिम और जेलों सहित कई स्थानों पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से योगा सेशन लिए. इसके अलावा, 2,000 से अधिक यूथ एंबेसडरों ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया और साथ ही मिरेकल ऑफ माइंड की शुरुआत की, जो सद्गुरु द्वारा यूजर्स को उनके मानसिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया एक सरल लेकिन शक्तिशाली 7-मिनट का निर्देशित ध्यान है.
इस अवसर पर सद्गुरु ने एक्स पर पोस्ट भी किया जिसमें उन्होंने लिखा, "योग एक ऐसी प्रणाली है जो आपको सचेत विकल्प का जीवन बनाने की स्वतंत्रता देती है, एक ऐसा जीवन जो बाध्यकारी विचार और क्रिया का गुलाम नहीं है. यह केवल तभी संभव है जब आप सचेत होकर बाध्यता से ऊपर उठने में सक्षम हों, तभी आपकी शारीरिक और मानसिक भलाई पूरी तरह से आपके द्वारा निर्धारित की जा सकती है."
सद्गुरु सन्निधि, बेंगलुरु में एक बड़े पैमाने पर कार्यक्रम का आयोदन भी हुआ जिसमें भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के 5,000 से अधिक रक्षा कर्मियों ने भाग लिया. उनके साथ 1,000 से अधिक नागरिक शामिल हुए जिनमें आस-पास के स्कूलों और कॉलेजों के छात्र भी शामिल थे.
राजस्थान के श्रीगंगानगर में 1,500 रक्षा कर्मियों ने भाग लिया ईशा फाउंडेशन के योगा सेशन में भाग लिया, जबकि जोधपुर एयरबेस में 900 वायु सेना कर्मियों ने भाग लिया. पुणे में आयोजित सत्र में लगभग 500 सेना कर्मियों ने भाग लिया और जयपुर के जयगढ़ किले में 400 ने भाग लिया. कोयंबतूर के प्रतिष्ठित आदियोगी में भारतीय वायु सेना (रेडफील्ड्स और सुलूर विंग 43), सेना की 35वीं रेजिमेंट (मदुक्करै) और रैपिड एक्शन फोर्स (वेल्लालोर) के 200 से अधिक कर्मी एक शक्तिशाली ग्रूप योग सेशन के लिए इकट्ठा हुए, जिसका संचालन ईशा-प्रशिक्षित ट्रेनर ने किया. ईशा फाउंडेशन ने 11,000 से अधिक भारतीय सेना के सैनिकों को शास्त्रीय हठ योग में प्रशिक्षित किया है. इसके अलावा 500 से अधिक सैन्य कर्मियों को अपनी इकाइयों के भीतर स्वतंत्र रूप से योगा सेशन देने के लिए तैयार किया गया.
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