Sarvoday Programme: M3M Foundation द्वारा सर्वोदय कार्यक्रम का जश्न मनाते हुए, हरियाणा के ताउरू से लेकर देश भर के 5,000 गाँवों तक सामुदायिक विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम सब मिलकर भारत की असली ताकत, उसके गाँवों को उजागर कर रहे हैं - सभी के लिए एक उज्जवल, समावेशी भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।
समानता, सहानुभूति, समावेशन, सहयोग और विश्वास जैसे मूल्यों को अपनाते हुए, M3M फाउंडेशन की स्थापना 2019 में M3M ग्रुप द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों में सतत विकास लाना है, विशेष रूप से हाशिए पर बसे समुदायों को सशक्त बनाना ताकि वे स्वयं अपनी भागीदारी से शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में स्थायी सामुदायिक विकास की योजनाएं बना सकें, उन्हें लागू कर सकें और निगरानी कर सकें।
फाउंडेशन नवाचार को बढ़ावा देता है, विभिन्न सरकारी पहलों को समर्थन देता है और विकास की दिशा में सक्रिय कदम उठाता है। इसका रणनीतिक दृष्टिकोण सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के एजेंडे के साथ मेल खाता है और देश के समग्र सतत विकास पर केंद्रित है।
M3M फाउंडेशन, प्रतिष्ठित M3M समूह की परोपकारी शाखा है। प्रारंभिक बचपन के पोषण से लेकर महिलाओं को सशक्त बनाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने से लेकर डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने, कौशल बढ़ाने से लेकर पर्यावरणीय मुद्दों की वकालत करने तक, हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता स्थिरता और सामुदायिक विकास के इर्द-गिर्द घूमती है।
आर्थिक सशक्तिकरण, सतत विकास
संसाधन, सशक्तिकरण, भागीदारी, स्वावलंबन
समानता, सहानुभूति, समावेशन, सहयोग, विश्वास
सर्वोदय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रकृति की सुरक्षा और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है। इसके तहत बड़े पैमाने पर पेड़ लगाए जा रहे हैं, जिनमें फलदार बाग और मियावाकी तकनीक से पौधारोपण शामिल है। इससे हरियाली और जैव विविधता का बढ़ावा मिल रहा है। कई पंचायतों में टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन मिल रहा है, और तालाबों के पुनर्जीवन से जल संरक्षण को बल मिल रहा है।
तावड़ू तहसील में बने शौचालय परिसर से स्वच्छता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला है। महिला समूहों ने जमीन लेकर जैविक खेती शुरू की है और बैंक खाते खोलकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। M3M फाउंडेशन इन समूहों को आर्थिक सहायता भी दे रहा है।
किसानों को जैविक खेती और एफपीओ बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि खेती टिकाऊ बन सके। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में हेल्थ कैंप लगाकर इलाज, स्वच्छता और जागरूकता सुनिश्चित की जा रही है। इस तरह सर्वोदय कार्यक्रम ग्रामीण विकास को एक समग्र और टिकाऊ दिशा दे रहा है।
M3M फाउंडेशन की यह प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों, उनके बच्चों और परिवारों की क्षमताओं को सशक्त बनाना और उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना है।
यह कार्यक्रम एक व्यवस्थित मॉडल पर आधारित है, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं:
- प्रारंभिक बाल देखभाल एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
- स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छता
- किशोर शिक्षा
- पहचान पत्र और अधिकार
- डिजिटल साक्षरता
- कौशल प्रशिक्षण
समाज में समानता लाने और हर व्यक्ति के कल्याण की दिशा में कार्य करते हुए, M3M फाउंडेशन ने 'प्रोजेक्ट कर्तव्य' के माध्यम से भूखमरी को मिटाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है।
यह व्यापक खाद्य वितरण प्रयास M3M फाउंडेशन की समाज के हाशिए पर खड़े तबकों के उत्थान और सभी के लिए समग्र कल्याण को सुनिश्चित करने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निरंतर प्रयासों, रणनीतिक साझेदारियों और संवेदनशील दृष्टिकोण के माध्यम से फाउंडेशन का लक्ष्य है - लाखों लोगों के लिए एक भूखमुक्त और पोषित भविष्य की कल्पना को साकार करना।
'कौशल संबल' एक कौशल विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों से आने वाले युवाओं को मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करना है। यह कार्यक्रम युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और उद्यमिता के अवसरों के माध्यम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को प्रोत्साहित करता है। साथ ही, यह रोजगार में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और अनौपचारिक क्षेत्रों पर निर्भरता को कम करने की दिशा में भी काम करता है। 'कौशल संबल' युवाओं को उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करते हुए देश में कुशल कार्यबल की कमी को दूर करने का प्रयास है।
M3M फाउंडेशन का 'लक्ष्य' कार्यक्रम विशेष रूप से दृश्य कला, प्रदर्शन कला और खेलों के क्षेत्रों में युवाओं को सशक्त बनाने और समर्थन देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह छात्रवृत्ति केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रतिभाशाली युवाओं को आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी प्रदान करती है, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का विकास कर सकें। ‘लक्ष्य’ के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्तियाँ लाभार्थियों को विभिन्न स्तरों की प्रतियोगिताओं, टूर्नामेंट्स, उत्सवों और प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए तैयार करती हैं, जिससे वे अपने कौशल और प्रतिभा को व्यापक मंच पर प्रस्तुत कर सकें। यह पहल न केवल उनके सपनों को साकार करने में सहायक है, बल्कि उन्हें अपने समुदायों में प्रेरणास्रोत बनने के लिए भी प्रेरित करती है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से M3M फाउंडेशन व्यक्तिगत आकांक्षाओं को समर्थन देने के साथ-साथ देश के सांस्कृतिक और खेल परिदृश्य को भी समृद्ध करता है, और समाज में उत्कृष्टता और प्रतिभा विकास को बढ़ावा देता है।
समाज विकास के क्षेत्र में रचनात्मक शिक्षण, नवाचार और प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से M3M फाउंडेशन ने 'मशाल फेलोशिप' की शुरुआत की है। यह पहल सोशल इनोवेटर्स को एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जहां वे अपने परिवर्तनकारी विचारों को हकीकत में बदल सकें। यह फेलोशिप शिक्षा, आजीविका, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों और सामाजिक उद्यम टीमों का स्वागत करती है। 'मशाल' भारत के युवा मस्तिष्कों की शक्ति में विश्वास रखते हुए स्टार्टअप्स के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करती है।
'साक्षर' M3M फाउंडेशन का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो विशेष रूप से गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा की कमी जैसी जटिल समस्या को हल करने के लिए काम करता है। यह कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्य 4 (SDG 4) - सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा - की भावना के अनुरूप तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम की सफलता के पीछे एक समर्पित दृष्टिकोण और जमीनी स्तर पर किया गया कार्य है। 'साक्षर' ने शुरुआत से ही उल्लेखनीय प्रभाव डाला है, जिसकी पुष्टि आंकड़ों के माध्यम से की जा सकती है।
पर्यावरण की रक्षा और हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सतत प्रयासों को बढ़ावा देना ही ‘संकल्प’ का मूल उद्देश्य है। यह एम3एम फाउंडेशन की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा के लिए कार्यरत है। हमारा ग्रह, अंतरिक्ष के विशाल कैनवस पर एक फीका नीला बिंदु, तेजी से उस मोड़ की ओर बढ़ रहा है जहां से वापसी संभव नहीं। भौतिकतावाद ने मानवीय मूल्यों को पीछे छोड़ दिया है। 'और अधिक' की यह अंतहीन मांग भूमि, वायु, जल, वन और जलवायु जैसे प्राकृतिक संसाधनों को विनाश के कगार पर ला खड़ा कर रही है।
ऐसे में 'संकल्प' का उद्देश्य उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के कुशल और सतत उपयोग को बढ़ावा देना है। M3M फाउंडेशन में हमारा मानना है कि किसी भी समुदाय की जीवंतता सीधे उसके पर्यावरण की स्थिति से जुड़ी होती है। कोई भी समाज तब तक पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो सकता जब तक उसका परिवेश प्रदूषण और क्षरण से ग्रस्त हो।
‘सर्वोदय’ M3M फाउंडेशन की एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसकी आधारशिला है - एकीकृत दृष्टिकोण द्वारा स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करना। यह दृष्टिकोण समुदायों और फाउंडेशन के बीच एक सक्रिय साझेदारी को बढ़ावा देता है, जिसमें स्थानीय समूहों का गठन, उनकी विशेष जरूरतों की समझ और विकास प्रक्रिया में सहभागिता की भावना को प्राथमिकता दी जाती है। इंटरैक्टिव प्रोग्राम्स, सामुदायिक बैठकों और सहभागी निर्णय-निर्माण के माध्यम से 'सर्वोदय' यह सुनिश्चित करता है कि जिन पहलों का प्रभाव समुदाय पर पड़ता है, उन्हें आकार देने में स्वयं समुदाय की आवाज अहम भूमिका निभाए।
पारदर्शी संवाद के जरिए यह पहल न केवल विश्वास और संबंधों को मजबूत करती है, बल्कि एक ऐसा सहयोगी माहौल भी तैयार करती है जो पारंपरिक दानशीलता से कहीं आगे निकल जाता है। यह सामुदायिक-केंद्रित एकीकृत मॉडल ग्रामीण विकास की प्रभावशीलता को बढ़ाता है और गांवों के सतत विकास व समग्र कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान देता है और बदलाव की एक ऐसी बयार लेकर आता है जो आने वाली पीढ़ियों तक प्रभावशाली रहेगा।
वन्यजीव इकोसिस्टम के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किंतु पिछले दो शताब्दियों में तीव्र जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की असंतुलित खपत ने कई वन्यजीवों और उनके आवासों को संकट में डाल दिया है। वन्य अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में जल संकट बढ़ता जा रहा है, जिससे वन्यजीवों का जीवन खतरे में है। M3M फाउंडेशन का मानना है कि हर जीवन मूल्यवान है। इसी सोच से प्रेरित होकर हमने 'वनजीवन' पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य वन क्षेत्रों में सूखे के मौसम के दौरान जल उपलब्ध कराकर वन्यजीवों को संरक्षित करना और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना है।
इस पहल के अंतर्गत हमने महाराष्ट्र के टिपेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में 6 सोलर पंप और 6 जल कुंड तथा उत्तराखंड के कोल्हूचौर वन क्षेत्र में 1 सोलर पंप स्थापित किया है। इन जल संरचनाओं के माध्यम से प्रतिदिन 96,000 लीटर पानी की आपूर्ति होती है, जिससे लगभग 315 हाथी, 65 बाघ, 110 से अधिक तेंदुए, 30 से अधिक स्तनधारी प्रजातियाँ जैसे भेड़िए, लकड़बग्घा, चीतल, नीलगाय, काले हिरण, सियार और अनेक प्रवासी व स्थानीय पक्षी लाभान्वित हो रहे हैं।
'वनजीवन' के माध्यम से M3M फाउंडेशन वन्यजीवों की रक्षा कर अगली पीढ़ियों के लिए प्रकृति के संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ा रहा है।
M3M फाउंडेशन की यह प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों, उनके बच्चों और परिवारों की क्षमताओं को सशक्त बनाना और उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना है।
यह कार्यक्रम एक व्यवस्थित मॉडल पर आधारित है, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं:
- प्रारंभिक बाल देखभाल एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
- स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छता
- किशोर शिक्षा
- पहचान पत्र और अधिकार
- डिजिटल साक्षरता
- कौशल प्रशिक्षण
समाज में समानता लाने और हर व्यक्ति के कल्याण की दिशा में कार्य करते हुए, M3M फाउंडेशन ने 'प्रोजेक्ट कर्तव्य' के माध्यम से भूखमरी को मिटाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है।
यह व्यापक खाद्य वितरण प्रयास M3M फाउंडेशन की समाज के हाशिए पर खड़े तबकों के उत्थान और सभी के लिए समग्र कल्याण को सुनिश्चित करने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निरंतर प्रयासों, रणनीतिक साझेदारियों और संवेदनशील दृष्टिकोण के माध्यम से फाउंडेशन का लक्ष्य है - लाखों लोगों के लिए एक भूखमुक्त और पोषित भविष्य की कल्पना को साकार करना।
'कौशल संबल' एक कौशल विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों से आने वाले युवाओं को मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करना है। यह कार्यक्रम युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और उद्यमिता के अवसरों के माध्यम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को प्रोत्साहित करता है। साथ ही, यह रोजगार में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और अनौपचारिक क्षेत्रों पर निर्भरता को कम करने की दिशा में भी काम करता है। 'कौशल संबल' युवाओं को उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करते हुए देश में कुशल कार्यबल की कमी को दूर करने का प्रयास है।
M3M फाउंडेशन का 'लक्ष्य' कार्यक्रम विशेष रूप से दृश्य कला, प्रदर्शन कला और खेलों के क्षेत्रों में युवाओं को सशक्त बनाने और समर्थन देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह छात्रवृत्ति केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रतिभाशाली युवाओं को आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी प्रदान करती है, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का विकास कर सकें। ‘लक्ष्य’ के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्तियाँ लाभार्थियों को विभिन्न स्तरों की प्रतियोगिताओं, टूर्नामेंट्स, उत्सवों और प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए तैयार करती हैं, जिससे वे अपने कौशल और प्रतिभा को व्यापक मंच पर प्रस्तुत कर सकें। यह पहल न केवल उनके सपनों को साकार करने में सहायक है, बल्कि उन्हें अपने समुदायों में प्रेरणास्रोत बनने के लिए भी प्रेरित करती है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से M3M फाउंडेशन व्यक्तिगत आकांक्षाओं को समर्थन देने के साथ-साथ देश के सांस्कृतिक और खेल परिदृश्य को भी समृद्ध करता है, और समाज में उत्कृष्टता और प्रतिभा विकास को बढ़ावा देता है।
समाज विकास के क्षेत्र में रचनात्मक शिक्षण, नवाचार और प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से M3M फाउंडेशन ने 'मशाल फेलोशिप' की शुरुआत की है। यह पहल सोशल इनोवेटर्स को एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जहां वे अपने परिवर्तनकारी विचारों को हकीकत में बदल सकें। यह फेलोशिप शिक्षा, आजीविका, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों और सामाजिक उद्यम टीमों का स्वागत करती है। 'मशाल' भारत के युवा मस्तिष्कों की शक्ति में विश्वास रखते हुए स्टार्टअप्स के माध्यम से समाज में बदलाव लाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करती है।
'साक्षर' M3M फाउंडेशन का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो विशेष रूप से गुणवत्तापूर्ण और सुलभ शिक्षा की कमी जैसी जटिल समस्या को हल करने के लिए काम करता है। यह कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्य 4 (SDG 4) - सभी के लिए समावेशी, न्यायसंगत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा - की भावना के अनुरूप तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम की सफलता के पीछे एक समर्पित दृष्टिकोण और जमीनी स्तर पर किया गया कार्य है। 'साक्षर' ने शुरुआत से ही उल्लेखनीय प्रभाव डाला है, जिसकी पुष्टि आंकड़ों के माध्यम से की जा सकती है।
पर्यावरण की रक्षा और हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सतत प्रयासों को बढ़ावा देना ही ‘संकल्प’ का मूल उद्देश्य है। यह एम3एम फाउंडेशन की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा के लिए कार्यरत है। हमारा ग्रह, अंतरिक्ष के विशाल कैनवस पर एक फीका नीला बिंदु, तेजी से उस मोड़ की ओर बढ़ रहा है जहां से वापसी संभव नहीं। भौतिकतावाद ने मानवीय मूल्यों को पीछे छोड़ दिया है। 'और अधिक' की यह अंतहीन मांग भूमि, वायु, जल, वन और जलवायु जैसे प्राकृतिक संसाधनों को विनाश के कगार पर ला खड़ा कर रही है।
ऐसे में 'संकल्प' का उद्देश्य उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों के कुशल और सतत उपयोग को बढ़ावा देना है। M3M फाउंडेशन में हमारा मानना है कि किसी भी समुदाय की जीवंतता सीधे उसके पर्यावरण की स्थिति से जुड़ी होती है। कोई भी समाज तब तक पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो सकता जब तक उसका परिवेश प्रदूषण और क्षरण से ग्रस्त हो।
‘सर्वोदय’ M3M फाउंडेशन की एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसकी आधारशिला है - एकीकृत दृष्टिकोण द्वारा स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करना। यह दृष्टिकोण समुदायों और फाउंडेशन के बीच एक सक्रिय साझेदारी को बढ़ावा देता है, जिसमें स्थानीय समूहों का गठन, उनकी विशेष जरूरतों की समझ और विकास प्रक्रिया में सहभागिता की भावना को प्राथमिकता दी जाती है। इंटरैक्टिव प्रोग्राम्स, सामुदायिक बैठकों और सहभागी निर्णय-निर्माण के माध्यम से 'सर्वोदय' यह सुनिश्चित करता है कि जिन पहलों का प्रभाव समुदाय पर पड़ता है, उन्हें आकार देने में स्वयं समुदाय की आवाज अहम भूमिका निभाए।
पारदर्शी संवाद के जरिए यह पहल न केवल विश्वास और संबंधों को मजबूत करती है, बल्कि एक ऐसा सहयोगी माहौल भी तैयार करती है जो पारंपरिक दानशीलता से कहीं आगे निकल जाता है। यह सामुदायिक-केंद्रित एकीकृत मॉडल ग्रामीण विकास की प्रभावशीलता को बढ़ाता है और गांवों के सतत विकास व समग्र कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान देता है और बदलाव की एक ऐसी बयार लेकर आता है जो आने वाली पीढ़ियों तक प्रभावशाली रहेगा।
वन्यजीव इकोसिस्टम के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किंतु पिछले दो शताब्दियों में तीव्र जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की असंतुलित खपत ने कई वन्यजीवों और उनके आवासों को संकट में डाल दिया है। वन्य अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में जल संकट बढ़ता जा रहा है, जिससे वन्यजीवों का जीवन खतरे में है। M3M फाउंडेशन का मानना है कि हर जीवन मूल्यवान है। इसी सोच से प्रेरित होकर हमने 'वनजीवन' पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य वन क्षेत्रों में सूखे के मौसम के दौरान जल उपलब्ध कराकर वन्यजीवों को संरक्षित करना और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना है।
इस पहल के अंतर्गत हमने महाराष्ट्र के टिपेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में 6 सोलर पंप और 6 जल कुंड तथा उत्तराखंड के कोल्हूचौर वन क्षेत्र में 1 सोलर पंप स्थापित किया है। इन जल संरचनाओं के माध्यम से प्रतिदिन 96,000 लीटर पानी की आपूर्ति होती है, जिससे लगभग 315 हाथी, 65 बाघ, 110 से अधिक तेंदुए, 30 से अधिक स्तनधारी प्रजातियाँ जैसे भेड़िए, लकड़बग्घा, चीतल, नीलगाय, काले हिरण, सियार और अनेक प्रवासी व स्थानीय पक्षी लाभान्वित हो रहे हैं।
'वनजीवन' के माध्यम से M3M फाउंडेशन वन्यजीवों की रक्षा कर अगली पीढ़ियों के लिए प्रकृति के संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ा रहा है।