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M3M फाउंडेशन के बारे में

M3M फाउंडेशन के बारे में

समानता, सहानुभूति, समावेशन, सहयोग और विश्वास जैसे मूल्यों को अपनाते हुए, M3M फाउंडेशन की स्थापना 2019 में M3M ग्रुप द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों में सतत विकास लाना है, विशेष रूप से हाशिए पर बसे समुदायों को सशक्त बनाना ताकि वे स्वयं अपनी भागीदारी से शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में स्थायी सामुदायिक विकास की योजनाएं बना सकें, उन्हें लागू कर सकें और निगरानी कर सकें।

फाउंडेशन नवाचार को बढ़ावा देता है, विभिन्न सरकारी पहलों को समर्थन देता है और विकास की दिशा में सक्रिय कदम उठाता है। इसका रणनीतिक दृष्टिकोण सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के एजेंडे के साथ मेल खाता है और देश के समग्र सतत विकास पर केंद्रित है।

उपलब्धियाँ

M3M फाउंडेशन वर्तमान में 22 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों, 85 जिलों और 871 से अधिक गाँवों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। इसके सामाजिक हस्तक्षेपों से अब तक 44 लाख से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। फाउंडेशन राज्य और केंद्र सरकारों के साथ-साथ 15 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर भारत में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए कार्य कर रहा है।

सर्व का उदय अर्थात् सर्वोदय

सर्वोदय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रकृति की सुरक्षा और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है। इसके तहत बड़े पैमाने पर पेड़ लगाए जा रहे हैं, जिनमें फलदार बाग और मियावाकी तकनीक से पौधारोपण शामिल है। इससे हरियाली और जैव विविधता का बढ़ावा मिल रहा है। कई पंचायतों में टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन मिल रहा है, और तालाबों के पुनर्जीवन से जल संरक्षण को बल मिल रहा है।

तावडू तहसील में बने शौचालय परिसर से स्वच्छता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला है। महिला समूहों ने ज़मीन लेकर जैविक खेती शुरू की है और बैंक खाते खोलकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। M3M फाउंडेशन इन समूहों को आर्थिक सहायता भी दे रहा है। महिलाएं अब खेती तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि खेती के साथ साथ सूखे मसालों के बिज़नस में भी हाथ आज़मा रही हैं और ना सिर्फ घरेलु स्तर पर व्यवसाय कर रही हैं बल्कि लाला जी की रसोई जैसे उद्यम के साथ जुड़ कर व्यावसायिक जगत के अनुभवों से रूबरू हो रही हैं।

तावड़ू तहसील में बने शौचालय परिसर से स्वच्छता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला है। महिला समूहों ने जमीन लेकर जैविक खेती शुरू की है और बैंक खाते खोलकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। M3M फाउंडेशन इन समूहों को आर्थिक सहायता भी दे रहा है।

किसानों को जैविक खेती और एफपीओ बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि खेती टिकाऊ बन सके। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में हेल्थ कैंप लगाकर इलाज, स्वच्छता और जागरूकता सुनिश्चित की जा रही है। इस तरह सर्वोदय कार्यक्रम ग्रामीण विकास को एक समग्र और टिकाऊ दिशा दे रहा है।

सर्वोदय कार्यक्रम के अंतर्गत हमारे प्रयास

  • 1 मिलियन से अधिक लोगों को शिक्षा का सहयोग प्राप्त
    1 मिलियन से अधिक लोगों को शिक्षा का सहयोग प्राप्त

  • 27 लर्निंग सेंटर्स सक्रिय, जहाँ 10,000 युवा कौशल पारंगत हुए और नौकरियां पाईं
    27 लर्निंग सेंटर्स सक्रिय, जहाँ 10,000 युवा कौशल पारंगत हुए और नौकरियां पाईं

  • प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा और संपूर्ण विकास का अवसर मिल रहा है
    प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा और संपूर्ण विकास का अवसर मिल रहा है

  • 2,000 महिलाएं स्वरोज़गार प्रशिक्षित
    2,000 महिलाएं स्वरोज़गार प्रशिक्षित

  • 2 लाख से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला
    2 लाख से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला

  • हर साल प्रवासी परिवारों को 2.1 करोड़ से ज्यादा पोषक भोजन दिया जाता है
    हर साल प्रवासी परिवारों को 2.1 करोड़ से ज्यादा पोषक भोजन दिया जाता है

  • अब तक 6,26,000 पौधे लगाए जा चुके हैं
    अब तक 6,26,000 पौधे लगाए जा चुके हैं

  • पर्यावरण संतुलन के लिए हर दिन 96,000 लीटर पानी वन्यजीवों के लिए उपलब्ध
    पर्यावरण संतुलन के लिए हर दिन 96,000 लीटर पानी वन्यजीवों के लिए उपलब्ध

  • 100 से अधिक कारीगर
    100 से अधिक कारीगर

  • 70 से अधिक बच्चों को कला में मार्गदर्शन और सहयोग मिला
    70 से अधिक बच्चों को कला में मार्गदर्शन और सहयोग मिला

  • 100+ खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति मिली
    100+ खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति मिली