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M3M फाउंडेशन के विषय में

M3M फाउंडेशन के विषय में

समानता, सहानुभूति, समावेशन, सहयोग और विश्वास जैसे मूल्यों को अपनाते हुए, M3M फाउंडेशन की स्थापना 2019 में M3M ग्रुप द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों का सतत विकास है, विशेष रूप से हाशिए पर बसे समुदायों को सशक्त बनाकर ताकि वे स्वयं अपनी भागीदारी से शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में स्थायी सामुदायिक विकास की योजनाएं बना सकें, उन्हें लागू कर सकें और उनकी आवश्यक निगरानी कर सकें।

फाउंडेशन नवाचार को बढ़ावा देता है, विभिन्न सरकारी पहलों को समर्थन देता है और विकास की दिशा में सक्रिय कदम उठाता है। इसका रणनीतिक दृष्टिकोण सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के एजेंडे के साथ मेल खाता है और देश के समग्र सतत विकास पर केंद्रित है।

उपलब्धियाँ  

M3M फाउंडेशन वर्तमान में 22 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 90 जिलों और 1300 से अधिक गाँवों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। इसके सामाजिक हस्तक्षेपों से अब तक 48 लाख से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। फाउंडेशन राज्य और केंद्र सरकारों के साथ-साथ 50 से अधिक सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर भारत में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए कार्य कर रहा है।

सर्व का उदय अर्थात् सर्वोदय

सर्वोदय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रकृति की सुरक्षा और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना है। इसके तहत बड़े पैमाने पर पेड़ लगाए जा रहे हैं, जिनमें फलदार बाग और मियावाकी तकनीक से पौधारोपण शामिल है। इससे हरियाली और जैव विविधता का बढ़ावा मिल रहा है। कई पंचायतों में टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन मिल रहा है, और तालाबों के पुनर्जीवन से जल संरक्षण को बल मिल रहा है।

तावडू तहसील में बने शौचालय परिसर से स्वच्छता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिला है। महिला समूहों ने ज़मीन लेकर जैविक खेती शुरू की है और बैंक खाते खोलकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। M3M फाउंडेशन इन समूहों को आर्थिक सहायता भी दे रहा है। महिलाएं अब खेती तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि खेती के साथ साथ सूखे मसालों के बिज़नस में भी हाथ आज़मा रही हैं और ना सिर्फ घरेलु स्तर पर व्यवसाय कर रही हैं बल्कि लाला जी की रसोई जैसे उद्यम के साथ जुड़ कर व्यावसायिक जगत के अनुभवों से रूबरू हो रही हैं।

तावडू के विद्यालयों के बुनियादी ढांचों में सुधार के द्वारा सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को ना केवल पढ़ने का बेहतर माहौल मिल पा रहा है बल्कि इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल्स और टैबलेट्स के उपयोग से उन्हे डिजिटल साक्षारता और बेहतर गुणवत्ता वाली पठन-पाठन सामग्री भी उपलब्ध हो पा रही है। सर्वोदय कार्यक्रम के अन्तर्गत तावडू के प्रत्येक गाँव में लग रहे हैल्थ कैंप्स ग्रामीणों को उनके दरवाजे पर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।

किसानों को जैविक खेती और एफपीसी बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि खेती टिकाऊ बन सके। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित क्षेत्रों में हेल्थ कैंप लगाकर इलाज, स्वच्छता और जागरूकता सुनिश्चित की जा रही है। इस तरह सर्वोदय कार्यक्रम ग्रामीण विकास को एक समग्र और टिकाऊ दिशा दे रहा है।

सर्वोदय कार्यक्रम के अंतर्गत हमारे प्रयास

  • 10,000+ बच्चों को शिक्षा-स्वास्थ्य सहयोग (iMpower)
    10,000+ बच्चों को शिक्षा-स्वास्थ्य सहयोग (iMpower)

  • 2.6 करोड़+ भोजन वितरण (कर्तव्य)
    2.6 करोड़+ भोजन वितरण (कर्तव्य)

  • 70,000 प्रवासी श्रमिकों को सहयोग (शेयर फॉर केयर)
    70,000 प्रवासी श्रमिकों को सहयोग (शेयर फॉर केयर)

  • 10 लाख+ छात्रों को शिक्षा सहयोग (साक्षर)
    10 लाख+ छात्रों को शिक्षा सहयोग (साक्षर)

  • 275+ खेल व कला पदक (लक्ष्य)
    275+ खेल व कला पदक (लक्ष्य)

  • 6.5 लाख+ पौधारोपण (संकल्प)
    6.5 लाख+ पौधारोपण (संकल्प)

  • 78 गाँव, 15 वार्डों में विकास सहयोग (सर्वोदय)
    78 गाँव, 15 वार्डों में विकास सहयोग (सर्वोदय)

  • 3 टाइगर रिज़र्व में सह-अस्तित्व पहल (वनजीवन)
    3 टाइगर रिज़र्व में सह-अस्तित्व पहल (वनजीवन)

  • बाघ संघर्ष प्रभावित परिवारों को सहयोग (वनजीवन)
    बाघ संघर्ष प्रभावित परिवारों को सहयोग (वनजीवन)

  • 10,000+ युवाओं को प्रशिक्षण, 3,000+ को उद्यमिता सहयोग (कौशल संबल)
    10,000+ युवाओं को प्रशिक्षण, 3,000+ को उद्यमिता सहयोग (कौशल संबल)

  • 20+ संगठन व 5+ फैलोज़ को सहयोग (मशाल)
    20+ संगठन व 5+ फैलोज़ को सहयोग (मशाल)