M3M फ़ाउंडेशन: बुनियाद भारत की के इस एपिसोड में, हम ताउरू में अपनाई जा रही टिकाऊ कृषि पद्धतियों के बारे में बात करेंगे। एम3एम फाउंडेशन ने तरुण भारत संघ जैसे संगठनों के साथ साझेदारी की है, ताकि वे खेती के तरीकों को अपनाने में विशेषज्ञता हासिल कर सकें जो पर्यावरण के लिए ज़्यादा अनुकूल और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल हैं। जल संवाद और किसान पाठशाला जैसी पहलों की एक श्रृंखला जल संरक्षण, जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट के व्यावहारिक उपयोग और बहु-फसल के माध्यम से भूमि के उपयोग जैसे महत्वपूर्ण कृषि मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह ताउरू में टिकाऊ खेती के तरीकों के लिए बीज बोने की कहानी है।
M3M फाउंडेशन, प्रतिष्ठित M3M समूह की परोपकारी शाखा है, जो एक मार्गदर्शक रोशनी के रूप में उभर कर आशा की डोर बुनती है और सामाजिक प्रयासों के व्यापक स्पेक्ट्रम में जीवन को प्रभावित करती है। प्रारंभिक बचपन के पोषण से लेकर महिलाओं को सशक्त बनाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने से लेकर डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने, कौशल बढ़ाने से लेकर पर्यावरणीय मुद्दों की वकालत करने तक, हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता स्थिरता और सामुदायिक विकास के इर्द-गिर्द घूमती है।
“हम शिक्षा, पर्यावरण, आजीविका और स्वास्थ्य के स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सतत् सामुदायिक विकास की योजना बनाने, इसके कार्यान्वयन और निगरानी हेतु समुदाय को सशक्त बनाने में सक्रिय रूप से संलग्न हैं।“