दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता (Air Quality) लगातार बिगड़ती जा रही है. ऐसे में इसका असर न सिर्फ सेहत पर पड़ रहा है बल्कि त्वचा भी इस दूषित हवा से खराब होने लगती है. वहीं एक अध्ययन में बांस से बनने वाले चारकोल को लेकर दिलचस्प बात सामने आई है. असल में चेहरे पर प्रदूषण से होने वाले नुकसान को चारकोल (Charcoal) कम कर सकता है. इसके फायदे त्वचा को भरपूर मिलते हैं और त्वचा बेहतर होने लगती है सो अलग. यहां जानिए और क्या कहता है यह अध्ययन.
डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताई सनस्क्रीन लगाने से जुड़ी 5 गलतियां जो इसके असर को कर देती हैं कम
इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ मल्टीडिसिप्लेनरी रिसर्च एंड प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया है कि बांस से बनने वाला चारकोल पानी को शुद्ध करने के साथ-साथ चेहरे की सेहत के लिए भी फायदेमंद है. अध्ययन में पता चला है कि बांस का चारकोल वायु प्रदूषण के चलते हवा में मौजूद जहरीले तत्वों को चेहरे पर टिकने नहीं देता है. साथ ही भीषण गर्मी में इसकी परत त्वचा का बचाव भी करती है.
अध्ययन में कहा गया है कि बांस चारकोल (Bamboo Charcoal) प्राकृतिक रुप से कई खनिजों जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, एसीटिक एसिड, हाइड्रॉक्सिल बेंजीन आदि से भरपूर होता है. इससे बनी क्रीम या फेस वॉश बहुत फायदेमंद होते हैं जो जीवाणुओं की वृद्धि को रोकते हैं, चेहरे की त्वचा को कीटाणु रहित करते हैं तथा संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं को मार डालते हैं.
आयुथवेदा के निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने बताया कि एक्टिव बांस चारकोल से बना आयुथवेदा चारकोल फेस वॉश चेहरे की गंदगी और अशुद्धियों को बाहर निकाल कर त्वचा को साफ करता है. यह त्वचा को प्रदूषण से बचाता और अतिरिक्त तेल को सोख लेता है. इससे आसानी से मेकअप भी हट जाता है. जिम के दौरान वर्कआउट के बाद जमे हुए पसीने और विषाक्त पदार्थों को यह कुशलता से खत्म करता है. इसमें एक्टिव बांस चारकोल के साथ-साथ अति लाभकारी कमल, पलाश, गेंदा तथा गुलाब के फूलों एवं मौसम्बी और संतरे का अर्क भी मिलाते हैं.
बांस की कटाई के बाद इसे बहुत उच्च तापमान पर कार्बोनाइज किया जाता है जिससे इसका सतह क्षेत्र और वजन का अनुपात लगभग 1200:1 तक बढ़ाया जा सके. इस विधि से बने एक्टिव बांस चारकोल को विभिन्न उत्पादों में उपयोग किया जाता है.
जब एक्टिव बांस चारकोल के साथ फेस वॉश (Face Wash) बनाया जाता है तो यह त्वचा से विषाक्त एवं हानिकारक पदार्थों को अवशोषित करने में अधिक सक्षम होता है जिसके परिणामस्वरूप त्वचा अधिक स्वस्थ होती है. इसलिए इसका उपयोग मुंहासे के प्रभावी प्राकृतिक इलाज के रूप में किया जाता है.
डॉ. संचित शर्मा ने कहा कि चारकोल युक्त सौंदर्य प्रसाधन प्रदूषण से होने वाले विभिन्न त्वचा विकारों के खतरों को भी कम करते हैं. उनके मुताबिक बांस के टुकड़ों एवं जड़ों से चारकोल तैयार होता है. इसे ब्लैक डायमंड के नाम से भी जानते हैं. वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, बांस चारकोल इंफ्रारेड किरणों को भी रोकते हैं और त्वचा को इसके दुष्प्रभाव से बचाकर रखता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
World Environment Day: बदलता एनवायरनमेंट लंबे समय में ला सकता है स्वास्थ्य के लिए ये 5 बड़ी चुनौतियां
Written by: अवधेश पैन्यूलीगर्भवती के जहरीली हवा में सांस लेने से समय से पहले हो सकता है बच्चे का जन्म- स्टडी
Edited by: आराधना सिंहदिल्ली कैबिनेट का बड़ा फैसला, घर में सौर पैनलों लगवाने पर मिलेगी 1 लाख से ज्यादा की सब्सिडी
Reported by: रवीश रंजन शुक्लाOnly three per cent of the hours in a year in Delhi offer both clean air and thermally comfortable conditions necessary for safe natural ventilation, according to a new study.
Delhi's Environment Minister Manjinder Singh Sirsa met South Korean officials to explore green industry cooperation between the two countries.
Delhi becomes unlivable for three months a year, noted G20 Sherpa Amitabh Kant, underlining the severe economic and health burden of air pollution.
The study published in the Environmental Science and Technology journal identified two substances 'cortexolone' and 'lysoPE(20:3)', which can elevate the risk of early births.
World Environment Day 2025 urges global action against air, plastic, and river pollution with powerful messages promoting a greener, cleaner future.
................................ Advertisement ................................
Opinion | Why Indians Have Just Given Up On Air Pollution CrisisTanushree Ganguly
Friday December 20, 2024While some may argue that people in Delhi are now more aware of air pollution than they were a decade back, my rebuttal would be that awareness does not mean that people are concerned.
Opinion | You Must Outrage Over Filthy Air More Than Once A YearJyoti Pande Lavakare
Tuesday December 10, 2024Delhi welcomed us with monsoon rains and mangos. We were home. Fast forward a couple of years, in the winter of 2012, I found myself in denial about something other parents, mostly expats, were calling toxic air.
Opinion | Delhi's Air Pollution Situation Is Like A Bad MarriageNishtha Gautam
Friday November 22, 2024On a good day, such as today, the AQI reading in Delhi is 407. We are jubilant at the sickly sunshine trickling through the slightly dissipated smog. At least its not 1600.
दिवाली... पराली... सियासी जुगाली!Ashwini kumar
Monday November 18, 2024दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का समाधान तो आज तक मिला नहीं. हर साल चिंतित होकर हम-आप सांसों की तकलीफ के साथ-साथ दिल और ब्लड प्रेशर के मरीज भी क्यों बनें?
घर में कैद बुजुर्ग और हांफते लोग, दिल्ली की सांसों में घुला ये कैसा रोग?Nidhi Kulpati
Friday November 08, 2024हमारी हवा जहरीली हो रही है. गुरुवार की शाम को जब मैं इस मुद्दे पर लिखने बैठी तो AQI लगातार 400 पार जाकर दम घोंट रहा था. बहुत लोगों को यह मामला बोरिंग लगे, लेकिन जब आप अपने साथ काम करने वालों को खांसते-हांफते देखते-सुनते हैं, तो चिंता होने लगती है. सुबह उठते ही दरवाजे खिड़कियां खोलने के लिए डॉक्टर मना कर रहे हैं. बड़े बुजुर्गों के लिए तो मॉर्निंग वॉक बाहर की दुनिया से सीधे संपर्क का ज़रिया है, लेकिन डॉक्टर इसकी भी मनाही कर रहे हैं.