केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 100 फीसदी बायो इथेनॉल ही भविष्य है. वो नई दिल्ली में एनडीटीवी की ओर से ग्रीन एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो 22 लाख करोड़ के जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर नेट जीरो (कार्बन उत्सर्जन) की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में बहुत काम हुआ है, लेकिन अभी 10 गुना और काम होना बाकी है.
उन्होंने कहा कि एक समय सातवें नंबर पर रहने वाला भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र आज तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. इस क्षेत्र में हमने अभी कुछ महीने पहले ही जापान को पीछे छोड़ा है. भारत से आगे चीन है, जिसका ऑटोमोबाइल क्षेत्र 49 लाख करोड़ का है और उसके आगे अमेरिका है, जिसके ऑटोमोबाइल सेक्टर का साइज 78 लाख करोड़ का है. भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र का साइज 22 लाख करोड़ रुपये का है. भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब साढ़े चार करोड़ युवाओं को रोजगार मिला है. उन्होंने कहा कि इस सेक्टर का दुष्परिणाम यह हो रहा है कि हमारे कुल प्रदूषण का 40 फीसदी प्रदूषण जिवाश्म ईंधन की वजह से हो रहा है.इस प्रदूषण को कम करना ही हमारी सबसे बड़ी चुनौती है.
गडकरी ने कहा कि वायु प्रदूषण को खत्म करने का संकल्प हम सबने लिया है. उन्होंने कहा कि हम अब नेट जीरो (कार्बन उत्सर्जन) की ओर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें 2070 तक नेट जीरो का जो लक्ष्य दिया है, उसे हासिल करने के लिए ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में और अधिक काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि तमाम कोशिशों के बाद भी हमारा 22 लाख करोड़ का जीवाश्म ईंधन के आयात लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि अल्टरनेटिव फ्यूल और बायो फ्यूल के क्षेत्र में देश में अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 22 लाख करोड़ के जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करना है. उन्होंने कहा कि आज देश में गन्ना, मक्का, चावल, बांस और पराली से इथेनॉल बन रहा है.उन्होंने कहा कि हम फ्लेक्स इंजन (पेट्रोल और इलेनॉल से संयुक्त रूप से चलने में सक्षण) की दिशा में बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल कंपनियां भी फ्लेक्स इंजन लॉच कर रही हैं. इससे हमें विश्वास है कि हम 100 फीसदी बायो इथेनॉल का इस्तेमाल संभव हो पाएगा.
उन्होंने बताया कि पेट्रोल में भी 20 फीसदी तक इथेनॉल मिलाया जा रहा है. इसका अभी एआरआई में प्रयोग चल रहा है.इसके नतीजों के आधार पर पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने का स्तर और प्रक्रिया तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि ब्राजील में 27 फीसदी इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जा रहा है.उन्होंने कहा कि भारत में काम करने वाली ऑटोमोबाइल कंपनियां ही, वहां भी काम करती हैं.
गडकरी ने इस अवसर पर इथेनॉल को वाहनों के सही नहीं बताने वालों को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि देश में कोई लॉबी है जो पेट्रोलियम लॉबी और राजनीति को सपोर्ट करने के लिए इथेनॉल के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इथेनॉल के कारण गाड़ियों में समस्या आ रही है, लेकिन ऐसी एक भी शिकायत आई नहीं है, जबकि सच्चाई यह है कि इससे प्रदूषण भी कम हुआ है.उन्होंने कहा कि हम इस दिशा में भी प्रयोग कर रहे हैं कि इथेनॉल को डीजल में भी मिलाया जा सके. उन्होंने बताया कि वो 100 फीसदी इथेनॉल से चलने वाले जनरेटर सेट को आज पुणे में लॉन्च करेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनने के लिए हमें अपना आयात कम करना होगा, प्रदूषण को कम करना होगा और किसानों को सक्षम और समृद्ध करना होगा और रोजगार का निर्माण करना होगा. उन्होंने देश के 17 फीसद वेस्ट लैंड पर बांस की खेती को बढ़ावा देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि अन्य चीजों के साथ-साथ बांस से इथेनॉल और सीएनजी भी बना्ई जा सकती है.उन्होंने बताया कि भारत का बायो एनर्जी सेक्टर 1.6 लाख करोड़ रुपये का है और इसमें 10 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
ये भी पढ़ें: डे केयर में दरिंदगी! मेड ने बच्ची को जमीन पर पटक दिया, रोंगटे खड़े करने वाला वीडियो सामने आया
दिल्ली-नोएडा ही क्यों? पूरे देश को साफ हवा का हक... प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: मनोज शर्माशहर की हवा में घूम रहे हैं फेफड़ों, आंतों और त्वचा में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया, स्टडी में खुलासा
Edited by: अवधेश पैन्यूलीये क्या चमत्कार, नैनीताल-मनाली जैसी बेहतर हुई दिल्ली की आबोहवा, 8 साल में सबसे कम प्रदूषण
Written by: तिलकराजWith Delhi's dreaded smog season just weeks away, Environment Minister Manjinder Singh Sirsa on Tuesday reviewed the city's 17-point Winter 2025 Air Pollution Control Action Plan, directing departments to complete preparations by October.
Study attributed 72-92% of mercury emissions to human activities, primarily from fossil fuel combustion, industrial activities & vehicular emissions.
He mentioned that immunity is influenced by various factors beyond diet, including proper sleep.
A typical 10-20 minute hair styling routine using common hair care products and heated tools can release alarming levels of nanoparticle air pollution, comparable to standing by a busy highway, a new Purdue University study reveals.
Mumbai's pav is traditionally baked in wood-fired ovens. However, due to their contribution to air pollution in the city, bakeries have been directed to adopt greener alternatives.
................................ Advertisement ................................
Opinion | Why Indians Have Just Given Up On Air Pollution CrisisTanushree Ganguly
Friday December 20, 2024While some may argue that people in Delhi are now more aware of air pollution than they were a decade back, my rebuttal would be that awareness does not mean that people are concerned.
Opinion | You Must Outrage Over Filthy Air More Than Once A YearJyoti Pande Lavakare
Tuesday December 10, 2024Delhi welcomed us with monsoon rains and mangos. We were home. Fast forward a couple of years, in the winter of 2012, I found myself in denial about something other parents, mostly expats, were calling toxic air.
Opinion | Delhi's Air Pollution Situation Is Like A Bad MarriageNishtha Gautam
Friday November 22, 2024On a good day, such as today, the AQI reading in Delhi is 407. We are jubilant at the sickly sunshine trickling through the slightly dissipated smog. At least its not 1600.
दिवाली... पराली... सियासी जुगाली!Ashwini kumar
Monday November 18, 2024दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का समाधान तो आज तक मिला नहीं. हर साल चिंतित होकर हम-आप सांसों की तकलीफ के साथ-साथ दिल और ब्लड प्रेशर के मरीज भी क्यों बनें?
घर में कैद बुजुर्ग और हांफते लोग, दिल्ली की सांसों में घुला ये कैसा रोग?Nidhi Kulpati
Friday November 08, 2024हमारी हवा जहरीली हो रही है. गुरुवार की शाम को जब मैं इस मुद्दे पर लिखने बैठी तो AQI लगातार 400 पार जाकर दम घोंट रहा था. बहुत लोगों को यह मामला बोरिंग लगे, लेकिन जब आप अपने साथ काम करने वालों को खांसते-हांफते देखते-सुनते हैं, तो चिंता होने लगती है. सुबह उठते ही दरवाजे खिड़कियां खोलने के लिए डॉक्टर मना कर रहे हैं. बड़े बुजुर्गों के लिए तो मॉर्निंग वॉक बाहर की दुनिया से सीधे संपर्क का ज़रिया है, लेकिन डॉक्टर इसकी भी मनाही कर रहे हैं.