राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानियों में से एक है. दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए अब तक कई बार कई योजनाएं बनीं,कई फैसले किए गए हैं लेकिन स्थिति बिल्कुल भी नहीं बदली है. केंद्र सरकार भी बीते कई सालों से दिल्ली में प्रदूषण से निपटने की कोशिशों में लगी हुई है. राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के सबसे बड़े कारणों में से एक दिल्ली की सड़कों पर लाखों की संख्या में दौड़ रही गाड़ियां हैं. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब केंद्र सरकार जल्द ही दिल्ली में धीरे-धीरे पेट्रोल-डीजल वाहनों को पूरी तरह से बंद करने पर विचार कर रही है.
'इकोनॉमिक टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी दिल्ली-एनसीआर में डीजल और पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को खत्म कर उनकी जगह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), हाइब्रिड या सीएनजी वैरिएंट को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है. इसको लेकर केंद्र सरकार की सीरियसनेस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक इसको लेकर ऑटोमोबाइल कंपनियों के अलावा कई स्टेकहोल्डर मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श का दौर लगातार जारी है.
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग.
नया प्लान कब तक लागू होगा इसकी कोई समय सीमा तो अब तक सामने नहीं आई है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि सबसे पहले केवल राजधानी दिल्ली क्षेत्र में डीजल और पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी लगाई जा सकती है. उसके बाद गुरुग्राम, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जैसे आसपास के जिलों में इसे लागू किया जाएगा. रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक नई कारों और दोपहिया वाहनों को केवल ग्रीन फ्यूल तक सीमित रखा जा सकता है.हालांकि कुछ प्रतिबंध धीरे-धीरे इसी वित्तीय वर्ष से शुरू हो सकते हैं.
मेरी अब तक की बात सुनकर जाहिर है आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा की उन गाड़ियों का क्या होगा जो अभी हाल-फिलहाल में ही लोगों ने खरीदी हैं, तो आप राहत की सांस ले लीजिए. अच्छी बात यह है कि निजी वाहन मालिकों के लिए यह आदेश सबसे आखिर तक आ सकता है.सबसे पहले यह आदेश कमर्शियल वाहनों के लिए आ सकता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 2025 के आखिर तक दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक या सीएनजी से चलने वाली नई बसों का ही रजिस्ट्रेशन होगा. थ्री टायर लोडिंग व्हीकल और हल्के माल वाहनों के लिए समय सीमा 2027 तक जा सकती है. कमर्शियल टैक्सियों के लिए यह और ज्यादा हो सकती है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि BS-6 से कम उत्सर्जन मानकों पर चलने वाले सभी मालवाहक वाहनों की दिल्ली में एंट्री रोकी जा सकती है.
केंद्र सरकार की योजना चरणबद्ध तरीके से दिल्ली की सड़कों से डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को हटाने की है.
वहीं,दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली की रेखा गुप्ता की सरकार ने भी एक्शन प्लान तैयार किया है. सरकार नए प्लान के तहत ड्रोन मिस्ट स्प्रिंकलर्स का उपयोग करेगी. दिल्ली के कई इलाकों में आउटडोर एयर प्यूरीफायर और नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम भी लगाए जाएंगे. ड्रोन मिस्ट स्प्रिंकलर्स ऐसे इलाकों में लगाए जाएंगे, जहां प्रदूषण ज्यादा रहता है. स्प्रिंकलर्स की मदद से प्रदूषण को कम किया जाएगा.
कुल जमा बात यह है कि सरकार ये समझ रही है कि लोग गाड़ियों को खरीदना कम करेंगे नहीं और डीजल-पेट्रोल की गाड़ियों से सबसे ज़्यादा प्रदूषण होता है ये भी एक फैक्ट है ऐसे में अगर सरकार डीजल-पेट्रोल गाड़ियों की बिक्री पर भी रोक लगा दें और लोगों को इलेक्ट्रिक या सीएनजी गाड़ियों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करे तभी बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सकेगी.
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The announcement came from Delhi CM Rekha Gupta as part of the air pollution mitigation plan for the year.
Considering the perennial issue of north India's smog-choked winter, the Commission for Air Quality Management (CAQM) is striking at two major pollution culprits - paddy stubble burning and open municipal solid waste (MSW) fires.
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