दिल्ली में शनिवार की शाम या रात में आसमान में बादल छाये रहने और हल्की बारिश होने की संभावना है. शहर में न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: 27 और 37 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है.
मोदी-बाइडेन के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई. वार्ता के अंत में जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडेन ने स्थायी सदस्य के रूप में भारत के साथ संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की है.
G-20 Summit 2023 in Delhi Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र 'वन अर्थ' का शुभारंभ करते हुए सबसे पहले अफ़्रीकन यूनियन के प्रतिनिधि को जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में आसन ग्रहण करवाया.
G20 Summit Delhi Day 1 updates: आज शिखर सम्मेलन का पहला दिन है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आज यानी शनिवार के दिन किस समय पर क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित होंगे.
G20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत आज होने जा रही है. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया समेत कई दिग्गज देशों के राष्ट्राध्यक्ष नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. आज और कल (9 और 10 सितंबर) को दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में होने वाले जी20 सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों पर सभी देश चर्चा करेंगे. इससे पहले शुक्रवार को भारत पहुंचे राष्ट्रपति बाइडेन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता की, जो लगभग 50 मिनट तक चली. इस दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग, 6जी और AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई.
भारत और अमेरिका ने बयान जारी कर कहा कि दोनों देश इस साल के आखिर तक ह्यूमन स्पेस फ्लाइट के लिए रणनीतिक ढांचा बनाए जाने को लेकर बातचीत कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा, “जाहिर है, हमें उन सभी की प्रशंसा करने की जरूरत है जिन्होंने अच्छे इरादे से इस नाटकीय स्थिति को खत्म करने के लिए हर संभव कोशिश की.”
ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री सुनक ने अक्सर अपनी हिंदू जड़ों का उल्लेख किया है और कहा है कि उन्हें इस पर गर्व है.
बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने इस अभूतपूर्व सह-उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रस्ताव की प्रगति का समर्थन करते हुए सहयोगात्मक तरीके और तेजी से काम करने की ‘प्रतिबद्धता‘ जताई.
गुतारेस ने कहा, ‘जलवायु संकट नियंत्रण से बाहर हो रहा है... कुल मिलाकर, जी-20 देश 80 प्रतिशत वैश्विक उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं. आधे-अधूरे कदम जलवायु संकट को नहीं रोक पाएंगे.‘