अमेरिका में 13 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर जानलेवा हमले के बाद से वहां राष्ट्रपति चुनाव की दिशा बदल गई है. अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं. मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी से मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच है. लेकिन भारतीय मूल के बिजनेसमैन शलभ कुमार का कहना है कि 13 जुलाई को ट्रंप पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा तय हो गया है. कैंपेन करीब-करीब खत्म हो गया है. शलभ कुमार अमेरिका में जाने-माने बैंकर हैं और रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन के फाउंडर भी हैं.
शलभ कुमार ने शिकागो से बुधवार देर रात NDTV से खास इंटरव्यू में ये बातें कही. शलभ कुमार ने कहा, "इस स्टेज पर डेमोक्रेट्स के लिए यह तय कर पाना बहुत मुश्किल है कि ट्रंप को कैसे काउंटर करे. खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी अपना अगला कदम तय करने में दिक्कत होगी. जाहिर तौर पर ट्रंप पर हुए हमले के बाद चुनाव से पहले ही चुनाव के नतीजे तय हो चुके हैं."
कौन हैं शलभ कुमार?
शलभ कुमार 20 साल से अमेरिका में रहे हैं. उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज फिर इलिलाइज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की है. उनकी एवीजी एडवांस्ड टेक्नोलॉजिस कंपनी ऑटोमेशनकंट्रोल,सेमी-कंडक्टर्स,टेली-कम्यूनिकेशन जैसी कई फील्ड में काम करती है.
2016 के चुनाव में ट्रंप को दिया था 6 करोड़ का चंदा
2016 के राष्ट्रपति चुनाव के कैंपेन के दौरान शलभ कुमार ने ट्रंप को लगभग 10 लाख डॉलर (लगभग 6 करोड़ रुपये) का चंदा दिया था. अमेरिका में प्रेसिडेंट इलेक्शन में अधिकतम साढ़े चार लाख का चंदा ही दिया जा सकता है. उन्होंने अपनी पत्नी के जरिए बाकी का चंदा ट्रंप को दिया था.
लादेन की मौत के बाद करवाई थी पिटीशन साइन
शलभ के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद शलभ ने इंडियन अमेरिकन कम्युनिटी से पिटीशन साइन कराई थी. इसमें अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को सभी साहयता राशी में कटौती की मांग की गई थी.
13 जुलाई को क्या हुआ था?
पेन्सिलवेनिया राज्य के बटलर शहर में शनिवार (13 जुलाई) को ट्रंप चुनावी रैली कर रहे थे. इसी दौरान एक शख्स ने उनपर कई राउंड फायरिंग की. एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूते हुए निकल गई. सीक्रेट सर्विस के एजेंट ने हमलावर को मौके पर ही ढेर कर दिया था. गोली चलाने वाले लड़के की पहचान थॉमस मैथ्यू क्रूक्स के तौर पर हुई. मैथ्यू महज 20 साल का था. डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को हुए जानलेवा हमले के मामले में फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी FBI की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है.
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FBI ने खंगाले हमलावर के फोन और कंप्यूटर की सर्च हिस्ट्री
FBI के अधिकारियों ने ट्रंप पर हमला करने वाले हमलावर के मोबाइल फोन, कंप्यूटर, सर्च हिस्ट्री खंगाली है. उसका बेडरूम भी चेक किया गया है. लेकिन अभी तक हमले के मोटिव के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है. उसके परिवार और दोस्तों से भी इस बारे में पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन कोई भी साफ तौर पर कुछ भी बता नहीं पा रहा है.
मुझे तो मर जाना चाहिए- ट्रंप
हमले के बाद ट्रंप ने सोमवार को न्यूयॉर्क पोस्ट को पहला इंटरव्यू दिया. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मुझे यहां नहीं रहना. मुझे तो मर जाना चाहिए था, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे भगवान ने बचा लिया."
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Written by: प्रभांशु रंजन© Copyright NDTV Convergence Limited 2025. All rights reserved.