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ट्रंप की जीत से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस क्यों होंगे बेचैन, जानिए वो किस्सा

मोहम्मद यूनुस ने 7 अगस्त 2024 को बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के तौर पर काम संभाल लिया था.
नई दिल्ली/वॉशिंगटन: 

रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के सबसे ताकतवर नेता यानी राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. उन्होंने अमेरिका का 47वां राष्ट्रपति चुनाव (US Elections 2024) जीत लिया है. ट्रंप को इस जीत के लिए दुनियाभर से बधाइयां मिल रही हैं. अमेरिका में ट्रंप सरकार 2.0 आने से कुछ देश खुश हैं, तो कुछ देशों में बेचैनी है. शायद बांग्लादेश भी ट्रंप के अमेरिका में नया बॉस बनने से खुश नहीं है. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) भी इसमें शामिल हो सकते हैं. क्योंकि, डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के समय उनके अनुभव उतने अच्छे नहीं रहे थे.

दरअसल, अमेरिका में 2016 में हुआ चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने जब व्हाइट हाउस में कार्यभार संभाला, तो बांग्लादेश के एक डेलीगेशन ने वॉशिंगटन डीसी में ट्रंप से मुलाकात की थी. इस डेलीगेशन में कुछ डेप्लोमेट, प्रमुख बांग्लादेशी नागरिक और कुछ सरकारी अधिकारी शामिल थे. लेकिन, ट्रंप ने एक सवाल पूछकर सबको हैरान कर दिया था. उन्होंने डेलीगेशन के साथ ऑफिशियल इंट्रोडक्शन से पहले ही यूनुस को लेकर एक सवाल पूछ लिया था. ट्रंप का सवाल था- "वो ढाका का माइक्रो फाइनेंसर कहां है?"

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डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा था, "मैंने सुना है कि उन्होंने (मोहम्मद यूनुस) मुझे इलेक्शन में हारते देखने के लिए डोनेशन दिया था." यूनुस उस दौरान ढाका में स्थित ग्रामीण बैंक के हेड हुआ करते थे. ये बांग्लादेश का माइक्रो-फाइनेंस स्पेशलाइज्ड कम्युनिटी डेवलपमेंट बैंक है. माइक्रो फाइनेंसिंग में अच्छा काम करने के लिए यूनुस को 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. बांग्लादेशी डेलीगेशन में शामिल एक अधिकारी ने उस दौरान एक इंटरव्यू में कहा था कि ट्रंप यूनुस और उनकी संस्थाओं पर भड़के हुए थे.

फिर 5 अगस्त 2024 में बांग्लादेश में छात्रों के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. आखिरकार शेख हसीना को PM पद से इस्तीफा देकर देश भी छोड़ना पड़ा. तब से हसीना भारत में हैं. जबकि बांग्लादेशी सेना ने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का चीफ एडवाइजर बनाया है. यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में काफी बढ़ोतरी हुई है. ट्रंप ने अपनी कैपेंनिंग के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा का भी जिक्र किया था.

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डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदू-अमेरिकियों को 'कट्टरपंथी वामपंथ' के धर्म-विरोधी एजेंडे से बचाने का वादा किया था. बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समूहों पर हमलों की निंदा करते हुए ट्रंप ने कहा था, "मैं हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं. उन पर बांग्लादेश में भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा है. लूटपाट की जा रही है. वहां पूरी तरह अराजकता की स्थिति बनी हुई है."

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