अमेरिका में कमला हैरिस ने बतौर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार, डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की लेकिन उन्हें महिलाओं को उतना समर्थन नहीं मिल पाया. कमला हैरिस ने जितनी उम्मीद की थी उन्हें उतनी महिलाओं का सपोर्ट हासिल नहीं हुआ जबकि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की बयानबाजी का अबोर्शन लॉ पर केंद्रिंत कैंपेन भी चलाया था.
सीएनएन के एग्जिट पोल से पता चला कि डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति को महिला मतदाताओं के बीच 8 अंक की ही बढ़त मिली थी लेकिन यह चार साल पहले जो बाइडेन को मिली बढ़त का लगभग आधा ही था. दूसरी ओर, रिपब्लिकन और भावी राष्ट्रपति के पास पुरुषों के मामले में 13 अंकों की बढ़त थी, जबकि 2020 में जब उन्होंने बाइडेन का सामना किया था, तो उन्हें आठ अंकों की बढ़त मिली थी.
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सबरीना करीम ने एएफपी को बताया, "मुझे लगता है कि चुनाव से पहले इस बात को लेकर काफी उम्मीदें थीं कि महिलाएं किस तरह मतदान करेंगी. लेकिन यह याद रखना हमेशा जरूरी है कि महिलाएं एक अखंड समूह नहीं हैं और "उनकी चिंताएं बहुआयामी हैं." उदाहरण के लिए, सीएनएन एग्जिट पोल से पता चलता है कि अश्वेत महिला मतदाताओं के बीच हैरिस का दबदबा है, जबकि श्वेत महिलाओं के बीच ट्रम्प का प्रदर्शन बेहतर रहा.
करीम ने कहा, "हैरिस अभियान के अबोर्शन पर जोर देने से कुछ महिलाओं को वोट देने के लिए प्रेरणा मिली, लेकिन एक मुद्दा इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को हैरिस के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित करने के लिए काफी नहीं था."
न्यूयॉर्क की वकील नैथली फेल्डगन ने कहा कि उन्हें लगता है कि अब समय आ गया है कि ट्रम्प ओवल ऑफिस में लौट आएं. इकॉनमी और इंफ्लेशन का भी इलेक्शन पर काफी असर रहा है. कई अमेरिकी घरों में महिलाएं ही मुख्य खरीदार हैं, तथा बुनियादी वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है. हैरिस ने दक्षिण एशियाई मूल की एक अश्वेत महिला के रूप में अपनी पहचान को अभियान का प्रमुख हिस्सा नहीं बनाया, बल्कि इसके लिए उन्होंने पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा, रिपब्लिकन पूर्व सांसद लिज़ चेनी या बेयोंसे जैसी मशहूर हस्तियों पर भरोसा किया.
हालांकि फिर भी न तो ओबामा के नारीवादी भाषण और न ही पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट की एंडोर्समेंट ट्रंप को अमेरिका में जीतने से रोक पाई. इसके बाद भी उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ कई बार सेक्सिट रिमार्क दिए. एक हफ्ते पहले ही ट्रंप ने एक कैंपेन रैली में कहा था कि "मैं इस देश की महिलाओं की सुरक्षा करना चाहता हूं... फिर चाहें वो इस बात पर यकीन करें या न करें."
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Written by: प्रभांशु रंजन© Copyright NDTV Convergence Limited 2025. All rights reserved.