एनसीपी चीफ शरद पवार ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मिले न्योते के लिए अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस दिन बड़ी संख्या में दर्शनार्थी भगवान राम के लिए दर्शन के लिए पहुंचेंगे इस वजह से बाद में ही भगवान श्रीराम के दर्शन कर पाना आसान होगा.
Ram temple ayodhya : अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति रखी जाएगी. अयोध्या में बन रहे राममंदिर के रामलला की प्रतिमा बनाने का काम तीन मूर्तिकारों को सौंपा गया था.
सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि अयोध्या (Ayodhya Smart City) को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए पहल जारी है. स्मार्ट सिटी के सारे मानकों जैसे पार्क, इलेक्ट्रिक बसें, होटल आदि का निर्माण जारी है. अगले 1 से 2 साल में 7 स्टार होटल से लेकर हर तरह के होटल भगवान राम की नगरी में बनेंगे.
Ram Mandir Prana Pratishtha: मान्यतानुसार प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ देवी-देवताओं की प्रतिमा में भगवान की शक्ति स्वरूप की स्थापना करना है. इसके लिए विशेष धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रों का जाप किया जाता है.
Pran Pratishtha Ceremon: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा. राम मंदिर को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह नरेंद्र मोदी फंक्शन बना दिया है, ये पूरी तरह राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है. राहुल गांधी के बयान पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी प्रतिक्रिया दी है.
योगी सरकार राम भक्तों और पयर्टकों को हेलिकॉप्टर से अयोध्या धाम के दर्शन कराएगी. सरकार प्रदेश के 6 जिलों से हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराने जा रही है.
Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक दोपहर 1:20 के आसपास जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक- कुमारी -सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन, कलशयात्रा और भगवान श्री रामलला की मूर्ति का प्रासाद परिसर में भ्रमण होगा.
सालभर पहले तक अयोध्या में करीब चार से पांच लाख तीर्थ यात्री आते थे अब सालाना पचास लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है.
योगीराज के भाई सूर्यप्रकाश ने कहा कि यह परिवार के लिए एक यादगार दिन है. उन्होंने कहा, 'योगीराज ने इतिहास रचा है और वह इसके हकदार थे. यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण है जो उन्हें इतनी ऊंचाइयों तक ले गया.'
जगन्नाथ मंदिर के हेरिटेज कॉरिडोर को 'श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प' के नाम से जाना जाता है, जो राज्य की नवीन पटनायक सरकार और बीजू जनता दल का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रहा है. इस कॉरीडोर के निर्माण में करीब 943 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.