भगवान राम की ससुराल मिथिला मानी जाती है, शुभ काम में ससुराल से अनाज मिठाई और अंग वस्त्र पहुंचाने की परंपरा सदियों से रही है.
मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेशभर के ग्राम प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले विशेष स्वच्छता अभियान में भावना के साथ जुड़कर पूरे देश को एक नया संदेश दिया जाना चाहिए.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा 7,000 से अधिक अतिथियों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियां और देश भर से बड़ी संख्या में साधु-संत शामिल हैं.
इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल से पूछा गया कि क्या सपा प्रमुख अखिलेश यादव को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया हैं ? इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘‘निमंत्रण उन तक पहुंचा है, या नहीं, यह मैं नहीं कह सकता लेकिन निमंत्रण सूची में उनका नाम है.’’
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा.
हिंदुत्व के एजेंडे को चुन कर बीजेपी ने विहिप और संघ के साथ नई रणनीति पर काम शुरू किया. 1984 में रामजन्मभूमि (Ayodhya Ram Janam Bhoomi) मुक्ति का संकल्प लिया गया. इसी के साथ रामजन्मभूमि यज्ञ समिति का गठन किया गया था.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने भगवान राम को एकजुट करने वाली शक्ति करार देते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारत के सभ्यतागत इतिहास के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए महत्वपूर्ण है और यह देश में एक आदर्श बदलाव लाएगा. डॉ पंडित ने ऐसा माहौल बनाने की भी वकालत की, जहां किसी को भी किसी अन्य के मत/मजहब का अपमान नहीं करना चाहिए.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दस्तावेजों के आधार पर कहा कि बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी के दावें पूरी तरह से गलत हैं. नेहरू पूरी तरह से पारदर्शी थे. वो अपने पीछे लिखित रिकॉर्ड छोड़ गए थे.
आडवाणी का ये आर्टिकल 'राष्ट्रधर्म' पर 15 जनवरी को प्रकाशित होगा. प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित अतिथियों को 'राष्ट्रधर्म' का ये एडिशन दिया जाएगा.
अयोध्या में चार वेदों की तर्ज पर चार पथ बनाए गए हैं. अयोध्या में धर्म पथ, भक्ति पथ, राम जन्मभूमि पथ और सबसे लंबा 13 किलोमीटर का राम पथ बनाया गया है. इनमें से राम पथ की सबसे ज्यादा चर्चा है क्योंकि इसको बनाने के लिए दो दर्जन से ज्यादा मंदिरों और दर्जन भर से ज्यादा मस्जिदों को हटाना पड़ा.