डोनाल्ड ट्रंप इस समय एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल होने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इसके लिए अलग-अलग राज्य से समर्थन जुटा रहे हैं. ट्रंप अपने इसी अभियान के तहत शुक्रवार को दक्षिणी राज्य अलबामा पहुंचे, जहां समर्थकों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया. बता दें कि एक दिन पहले ही ट्रंप ने कोर्ट में पेश होकर साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के प्रयास करने संबंधी आरोपों को मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने इन आरोपों को 'अवैध और असंवैधानिक उपहास' करार दिया.
अलबामा पहुंकर ट्रंप ने समर्थकों से कहा, "यह सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए एक असफल कुटिल जो बाइडेन और उनके कट्टरपंथी वामपंथी ठगों द्वारा हताशा में किया गया कार्य है." वाशिंगटन की अपनी यात्रा के एक दिन बाद, अलबामा की राजधानी मोंटगोमरी में रिपब्लिकन नेताओं ने रात्रिभोज में ट्रम्प का गर्मजोशी से स्वागत किया गया.
बता दें कि 77 वर्षीय अरबपति ने 2016 और 2020 में भारी बहुमत से अलबामा जीता, और राज्य द्वारा वाशिंगटन में प्रतिनिधि सभा में भेजे गए सभी छह रिपब्लिकन ने शाम की सेरेमनी से पहले उनकी पुन: चुनाव की उम्मीदवारी का समर्थन किया. उन्हें अलबामा के वरिष्ठ सीनेटर, लेफ्टिनेंट गवर्नर और कृषि आयुक्त का भी समर्थन प्राप्त है. हालांकि जूनियर सीनेटर और गवर्नर ने अभी तक रिपब्लिकन प्राइमरी में किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया है.
ट्रंप के खिलाफ संघीय अदालत ने चार आरोप तय किए हैं. अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के लिये दावेदारी जता रहे ट्रंप (77) यहां की एक संघीय अदालत में पेश हुए. उन्होंने वाशिंगटन डीसी में भारतीय मूल की न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मोक्सिला उपाध्याय की अदालत में ‘जुर्म स्वीकार नहीं करने संबंधी याचिका दाखिल की है.
गहरे नीले रंग का सूट और लाल टाई पहने हुए, न्यू जर्सी के बेडमिंस्टर से उड़ान भरने के बाद ट्रंप एक काफिले में अदालत परिसर पहुंचे. चार महीने में ट्रंप तीसरी बार अदालत में पेश हुए हैं. अदालत पहुंचने के बाद, ट्रंप को गिरफ्तार कर लिया गया और विशेष वकील जैक स्मिथ के अभियोग में चार आरोपों में उन पर मुकदमा चलाया गया. ट्रंप के खिलाफ अमेरिका को धोखा देने की साजिश रचने, गवाहों को प्रभावित करने, नागरिकों के अधिकारों के खिलाफ साजिश रचने और आधिकारिक प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश का अभियोग तय किया गया है.
न्यायाधीश उपाध्याय ने ट्रंप के खिलाफ आरोपों को पढ़ा और उन पर डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन, जो अब अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, के खिलाफ चुनावी हार को पलटने के लिए अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया. दोषी पाए जाने पर ट्रंप को जेल की लंबी सजा का सामना करना पड़ेगा. सुनवाई शुरू होने पर न्यायाधीश उपाध्याय ने प्रश्न किया, "एक से चार तक के आरोपों पर ट्रंप का क्या कहना है?" इस पर अपने वकीलों से घिरे ट्रंप ने कहा, "कोई अपराध नहीं किया."
सुनवाई के दौरान ट्रंप ने अपने नाम और उम्र के बारे में सवालों के जवाब दिए, जबकि अभियोजकों की ओर शायद ही कभी देखा. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह समझते हैं कि उनके शब्दों का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया जा सकता है, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. न्यायाधीश ने ट्रंप को बताया कि उन्हें जाने दिया जाएगा, लेकिन इन शर्तों के साथ कि उन्हें जब भी अदालत में बुलाया जाएगा, उन्हें उपस्थित होना होगा. ट्रंप को अब अमेरिकी जिला न्यायाधीश तान्या छुटकन की अदालत में 28 अगस्त को पेश होना है, लेकिन उनके पास व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट का विकल्प मौजूद है.
स्मिथ ने कहा, "छह जनवरी, 2021 को हमारे देश की राजधानी पर हमला अमेरिकी लोकतंत्र की संस्था पर एक अभूतपूर्व हमला था. जैसा कि अभियोग में वर्णित है, यह झूठ से प्रेरित था." सुनवाई 27 मिनट तक चली. इस दौरान ट्रंप, स्मिथ से सिर्फ 20 फुट की दूरी पर बैठे थे.
अमेरिका के न्याय विभाग के विशेष अधिवक्ता ने 45 पन्नों का अभियोग पत्र जमा किया था जिसपर ग्रैंड ज्यूरी ने महीनों तक सुनवाई की और ट्रंप के कुछ करीबियों के बयान दर्ज किए, ताकि पता लगा सके कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के तत्कालीन उम्मीदवार जो बाइडन से मिली हार को बदलने के लिए किस तरह की कोशिश की. बाइडन ने उक्त चुनाव में जीत के बाद जनवरी 2021 में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी.
छह जनवरी 2021 को जब संसद बाइडन की जीत की पुष्टि करने वाली थी, उस दिन ट्रंप के समर्थकों ने ‘यूएस कैपिटल' (अमेरिकी संसद भवन) पर हमला किया था. अभियोग पत्र में कहा गया, "हार के बावजूद प्रतिवादी (ट्रंप) सत्ता में बने रहने को प्रतिबद्ध था. इसलिए तीन नवंबर 2020 को चुनाव के दिन से करीब दो महीने से अधिक समय तक प्रतिवादी ने झूठ फैलाया कि चुनाव के नतीजे फर्जी हैं और वास्तव में उसने जीत दर्ज की है. ये दावे गलत थे और प्रतिवादी यह जानता था."
ट्रंप ने अपने बयान में समर्थकों से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया गया और उनपर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. ट्रंप ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि 2020 के चुनाव के बाद उन्होंने कुछ गलत किया था.
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