अमेरिका ने बांग्लादेश को लेकर बड़ा दावा किया है. अमेरिका (US On Bangladesh Election) ने सोमवार को कहा कि विपक्ष के बहिष्कार और सामूहिक गिरफ्तारियों की वजह से हुआ मतदान स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा पांचवीं बार जीत हासिल करने के बाद बांग्लादेश का चुनाव निष्पक्ष नहीं था. अमेरिका विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "अमेरिका अन्य पर्यवेक्षकों के साथ विचार शेयर करता है कि ये चुनाव स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं थे और हमें दुख है कि सभी दलों ने इसमें भाग नहीं लिया."
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मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा, "अमेरिका चुनावों के दौरान और उसके बाद के महीनों में हुई हिंसा की निंदा करता है. हम बांग्लादेश सरकार को हिंसा की रिपोर्टों की विश्वसनीय जांच करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रोत्साहित करते हैं." बता दें कि अमेरिका का ये बयान ब्रिटेन की टिप्पणी का प्रतिध्वनित करता है, लेकिन क्षेत्रीय शक्ति भारत के साथ मतभेद भरा है. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने शेख हसीना की जीत और चुनावों के "सफल" संचालन की तारीफ की है लेकिन इस पर अमेरिका का रुख अलग है.
भारत की तरह ही अमेरिका के संबंध भी शेख हसीना के साथ काफी हद तक मधुर और कामकाजी रहे हैं. अमेरिका उन्हें व्यापार समर्थक और इस्लामी चरमपंथ का विरोध करने वाली समान विचारधारा वाला मानता है, लेकिन इसके बाद भी वाशिंगटन अधिकारों के मुद्दों पर आलोचना से बिल्किुल भी नहीं कतराता है.
विदेश विभाग ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वह "स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए उनके साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने" के लिए बांग्लादेश के साथ काम करना जारी रखेगा. विदेश विभाग ने कहा कि उसे "बांग्लादेश में मानवाधिकारों और नागरिक समाज का समर्थन करने और लोगों और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर मिलकर काम करने की उम्मीद है. बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लगातार पांचवीं बार आम चुनाव में जीत हासिल की है. उनकी पार्टी अवामी लीग ने 300 सीट वाली संसद में 223 सीट जीती हैं.
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