स्वीडिश पर्यावरण प्रचारक ग्रेटा थनबर्ग ने शनिवार को अमेरिकी मतदाताओं से जो बिडेन को चुनने के लिए कहा, ग्रेटा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम महत्वपूर्ण है. "फ्राइडेज़ फ़ॉर फ़्यूचर" आंदोलन की शुरुआत करने वाली ग्रेटा ने ट्विटर पर कहा, "मैं कभी भी पार्टीगत राजनीति में शामिल नहीं होती लेकिन आगामी अमेरिकी चुनाव इन सबसे परे हैं. " "एक जलवायु के दृष्टिकोण से यह काफी दूर है और आप में से कई ने अन्य उम्मीदवारों का समर्थन किया है." "लेकिन, मेरा मतलब है ... आप जानते हैं ... बस संगठित हो जाओ और सभी बिडेन को वोट देने के लिए तैयार हो जाओ."
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बिडेन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को चुनौती दे रहे हैं. ट्रंप जलवायु परिवर्तन की चेतावनी को खारिज करते हैं और थनबर्ग की बातों को भी खारिज कर चुके हैं. ट्रंप ने इससे पहले कहा था,"ग्रेटा को अपने एंगर मैनेजमेंट प्रॉब्लम पर काम करना चाहिए." ग्रेटा ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप को चुनौती देते हुए कहा था, "आप कैसे हिम्मत करते हैं?" इसके जवाब में ट्रंप ने कहा था, "वह एक बहुत खुशहाल युवा लड़की की तरह लग रही है, जो एक उज्ज्वल और अद्भुत भविष्य की आशा कर रही है."
दूसरी ओर बिडेन ने थनबर्ग की जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के लिए तारीफ की है. पिछले महीने, सम्मानित पत्रिका साइंटिफिक अमेरिकन ने भी पाठकों से 3 नवंबर को बिडेन को वोट देने का आग्रह किया था, लगभग 200 वर्षों में पहली बार इसने राजनीतिक रुख अपनाया.
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
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अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.