अमेरिकी संसद (Capitol Hill) पर हुए भीड़ के हमले की जांच के सामने आया है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Ex President Donald Trump) ने समर्थकों को रोकने या हिंसा की निंदा करने जैसी अपीलें ठुकरा दी थीं और वह अमेरिकी संसद पर अपने समर्थकों के धावे को टीवी (TV) पर देखते रहे. अमेरिकी संसद की जांच में यह सामने आया है. समिति का कहना है कि हिंसा रोकने या उसकी निंदा से इंकार करने को डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से राष्ट्रपति पद के कर्तव्यों के निर्वाह में गंभीर उल्लंघ के तौर पर देखा जाना चाहिए और उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
कमिटी के चेयरमैन थॉम्पसन ने टेलीविज़न पर प्रसारित हुए जनसुनवाई के आखिर में कहा, ट्रंप ने "कानूनी अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का रास्ता खोलने का दुस्साहस किया" क्योंकि वो 2020 के अमेरिकी चुनाव के नतीजे पलटना चाहते थे.
मिसिसिपी के सांसद ने कोविड19 के कारण समिति को वर्चुअली संबोधित किया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर हमले के लिए "जिम्मेदारी" तय होनी चाहिए.
इस ढ़ाई घंटे की सुनवाई में सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति भवन के सहायकों की गवाही भी पेश की, जिन्होंने कहा कि जब कैपिटल हिल पर हमला टीवी पर होता दिखाई दिया तब ट्रंप टीवी देख रहे थे. उनके कई बार गुजारिश की गई कि वो अपने समर्थकों से वापस लौट जाने को कहें लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया.
डोनाल्ड ट्रंप पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट करने का प्रयास करने के आरोप लग रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में फिर से खड़े होने की तैयारी कर रहे हैं. रिपब्लिक पार्टी के उपाध्यक्ष लिज़ चेनी ने कहा. "हर अमेरिकी को यह समझना होगा, कि क्या एक ऐसे राष्ट्रपति पर कभी भरोसा किया जा सकता है जो ऐसे निर्णय ले जैसे 6 जनवरी की हिंसा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने लिए? "
सांसदों ने मिनट दर मिनट का ब्यौरा दिया जब ट्रंप ने व्हाइट हाउस के नज़दीक अपने समर्थकों से उत्तेजित भाषण कहा था कि नवंबर 2020 के चुनाव में धांधली हुई है. इसके बाद उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर हिंसक धावा बोल दिया था. आखिरकार उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वो "बहुत खास हैं" लेकिन उन्हें घर लौट जाना चाहिए.
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चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
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दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
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