अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) की शानदार जीत हुई है. ट्रंप की 4 साल बाद सत्ता में वापसी हो रही है. ट्रंप की वापसी का असर दुनिया की राजनीति पर भी पड़ने की संभावना है. ट्रंप की कई ऐसी नीतियां रही है जिसका असर जियो पॉलिटिक्स पर पड़ने की संभावना है. इस बीच उनकी जीत के बाद दुनिया के तमाम संगठन और देश के प्रमुखों की तरफ से बधाई संदेश आ रहे हैं. नाटो जैसे संगठन से जुड़े युरोपीय देशों में भी ट्र्रंप की नीतियों को लेकर अनिश्चितता है. यूक्रेन युद्ध में नाटो अमेरिका के साथ मिलकर लगातार यूक्रेन की मदद कर रहा है. हालांकि आने वाले समय में इस मुद्दे पर अमेरिका का क्या स्टैंड होगा इसे लेकर असमंजस है.
नाटो के साथ कैसे रहेंगे रिश्ते?
नाटो प्रमुख मार्क रुटे जिन्हें हाल ही में ट्रम्प के साथ उनके अच्छे संबंधों के कारण चुना गया था ने जीत के तुरंत बाद ट्रंप को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ट्रंप का नेतृत्व हमारे रिश्तो को मजबूत रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने कहा कि नाटो के सदस्य ट्रंप के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं. नाटो के वरिष्ठ राजनयिकों ने न्यूज एजेंसी एएफपी के साथ नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ट्रंप का शासन कठिन होने वाला है. लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है. वो कम से कम नई उर्जा इसमें जरूर डालेंगे.
नाटो के लिए ट्रंप का पहला कार्यकाल कठिन रहा था. ट्रंप ने यूरोपीय सहयोगियों पर रक्षा खर्च को कम रखने का आरोप लगाया था. अमेरिका एक बार नाटो से अलग होने पर भी विचार करने लगा था. यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के विश्लेषक केमिली ग्रैंड ने कहा कि इस बात पर "दो सिद्धांत" हैं कि ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल नाटो के लिए कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा, "एक तो यह कि यह पहली बार जैसा होगा, अप्रिय लेकिन विनाशकारी नहीं." ट्रंप के पहले दौर में यूरोप में कोई भी युद्ध नहीं हुआ था. दुनिया के कई ऐसे देश हैं जिसपर ट्रंप का काफी असर है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ट्रंप को दी बधाई
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने विश्व संगठन के मुखर आलोचक डोनाल्ड ट्रंप को फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित किए जाने पर बधाई दी है. साथ ही कहा है कि संयुक्त राष्ट्र उनके प्रशासन के साथ "रचनात्मक रूप से काम करने" के लिए तैयार है. उन्होंने अपने संदेश में कहा, "मैं अपने पूरे भरोसे के साथ कहता हूं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के बीच सहयोग अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का एक आवश्यक स्तंभ है."
उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र आगामी अमेरिकी प्रशासन संग रचनात्मक रूप से काम करने के लिए तैयार है ताकि हम दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का मिलकर समाधान निकाल सकें."उन्होंने आगे कहा, "मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों की सराहना करता हूं."
बहुपक्षवाद और जलवायु परिवर्तन दोनों को लेकर ट्रंप की सोच यूएन से मेल नहीं खाती. यही कारण है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को के तत्वावधान में हुए पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया.
USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
Written by: प्रभांशु रंजनUSAID पर घमासान, ट्रंप ने कहा-'भारत के पास बहुत पैसा, हम 1.8 अरब क्यों दे रहे हैं?'
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Edited by: तिलकराजUSAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.