अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने बड़बोलेपन की वजह से अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. वह चुनाव प्रचार के दौरान जो बाइडेन के खिलाफ बोलने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं. रॉयटर्स के मुताबिक अब व्हाइट हाउस, डेमोक्रेट और यहूदी समूहों के नेताओं ने भी डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर आक्रोश जताया है. दरअसल ट्रंप ने कहा था कि डेमोक्रेट को वोट देने वाले यहूदी अमेरिकी अपने धर्म और इज़रायल से नफरत करते हैं. 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी चुनाव (US Presidential Election 2024) में जो बाइडेन को मात देने का सपना देख रहे ट्रंप ने कहा, "जो भी यहूदी व्यक्ति डेमोक्रेट को वोट देता है, वह अपने धर्म से नफरत करता है, वे इज़रायल की हर चीज से नफरत करते हैं और उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए."
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सोमवार को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए अपने पूर्व सलाहकार सेबेस्टियन गोर्का के साथ इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "डेमोक्रेट पार्टी इज़रायल से नफरत करती है." वोट देने के तरीकों को धर्म से जोड़ने के लिए ट्रंप की इस टिप्पणी की निंदा एंटी-डिफेमेशन लीग, अमेरिकी यहूदी समिति और अमेरिका की यहूदी डेमोक्रेटिक काउंसिल समेत अन्य समूहों ने भी की है. ट्रंप की इन टिप्पणियों पर मंगलवार को व्हाइट हाउस प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स ने एक बयान में कहा, "साथी नागरिकों को धमकी देने वाली जहरीली, झूठी रूढ़िवादिता फैलाने का कोई औचित्य नहीं है."
ट्रंप की टिप्पणी पोस्ट होने के बाद, अमेरिकी सीनेट के मोजोरिटी लीडर और डेमोक्रेट चक शूमर ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, " ट्रंप बहुत ही पक्षपातपूर्ण और घृणित बातें कर रहे हैं. मैं मध्य पूर्व में शांति से उत्साहित होकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा हूं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अमेरिका-इजरायल संबंध कायम रहें."
इज़रायल के लंबे समय से समर्थक रहे शूमर ने पिछले गुरुवार को गाजा में पांच महीने से चल रहे युद्ध के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी. वहीं जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका शूमर की चिंताओं से सहमत हैं, वहीं नेतन्याहू ने शूमर के भाषण को अनुचित बताया. वहीं ट्रंप की टिप्पणियों पर डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के प्रवक्ता एलेक्स फ्लॉयड ने सोमवार को एक बयान में कहा, "ट्रंप द्वारा यहूदी समुदाय के खिलाफ लगातार किए जा रहे भयावह, आक्रामक हमलों से यहूदी अमेरिकी बेहतर के हकदार हैं." हालांकि ट्रंप अभियान अपनी टिप्पणी पर अब भी कायम है.
ट्रम्प अभियान के प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने एक बयान में कहा, "डेमोक्रेट पार्टी पूरी तरह से इजरायल विरोधी, यहूदी विरोधी, आतंकवाद समर्थक गुट में बदल गई है." वहीं रिपब्लिकन यहूदी गठबंधन ने मंगलवार को ट्रंप की टिप्पणियों का बचाव करते हुए एक्स पर फिर से पोस्ट किया. आरजेसी के प्रवक्ता सैम मार्कस्टीन ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ट्रंप की इस टिप्पणी का क्या मतलब है कि डेमोक्रेट को वोट देने वाले यहूदी अमेरिकी अपने धर्म से नफरत करते हैं. "यह कई रिपब्लिकन के लिए उलझन में है कि इस सब से क्या यहूदी समुदाय में इससे अधिक आक्रोश नहीं हो सकता."
बीजेपी के चुनावी वादों में नया वादा शामिल - भारतीय शहरों में खुलेंगे अमेरिकी वाणिज्य दूतावास
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Edited by: संज्ञा सिंहLok Sabha Elections 2024: बीजेपी के अमृतसर से उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू (Taranjit Singh Sandhu) नया वादा करने में सबसे आगे हैं. उन्होंने बेंगलुरु के साथ अमृतसर में भी अमेरिकी वाणिज्य दूतावास (US Consulate) लाने का वादा किया है. दूतावास के वादे की सबसे पहले बात बीजेपी (BJP) सांसद तेजस्वी सूर्या ने की थी. पूर्व राजनयिक तरणजीत सिंह संधू ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. 61 साल के संधू ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले एक रोड शो किया, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर उनके साथ थे.
अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति बाइडेन (US Joe Biden) ने कहा," अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक बड़ा कारण यह है भी है, "क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं."
इस बार अमेरिका का चुनावी भविष्य क्या होगा, ये समझाने के लिए उन्होंने 13 कीज टू द व्हाइट हाउस नाम से प्रिडक्शन तैयार किया है. ये कीज असल में ट्रू और फॉल्स सवालों की एक फेहरिस्त है.
नोएम उन उम्मीदवारों की सूची में हैं, जिन पर डोनाल्ड ट्रंप अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में विचार कर रहे हैं. ट्रम्प को 5 नवंबर को डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ आम चुनाव का सामना करना है.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहे प्रचार के दौरान ट्रंप (US Elections 2024) अपने बयानों की वजह से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. 'नफरती भाषण' के लिए उनकी अक्सर आलोचना होती है. विशेषज्ञों को डर है कि ट्रंप के ऐसे भाषण से हिंसा का खतरा बढ़ रहा है.
अमेरिका की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सिख समुदाय के लोगों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में एक कार रैली निकाली. उन्होंने कहा कि "भाजपा की जीत न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया में भी शांति एवं स्थिरता लाने के लिए समय की मांग है."
ट्रंप की टिप्पणियों (US Presidential Election 2024) पर डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के प्रवक्ता एलेक्स फ्लॉयड ने सोमवार को एक बयान में कहा, "ट्रंप द्वारा यहूदी समुदाय के खिलाफ लगातार किए जा रहे भयावह,आक्रामक हमलों से यहूदी अमेरिकी बेहतर के हकदार हैं."
भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली और हरदीप सिंह पुरी को क्रमशः 2014 और 2019 में अमृतसर से हार का सामना करना पड़ा था.
US President Election: संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में अपनी स्थिति सुरक्षित करने के कुछ दिनों बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने निर्वाचित नहीं होने पर "खूनखराबा" की चेतावनी दी है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस बारे में बात कर रहे थे.
जो बाइडेन से चुनाव के तुरंत बाद ही समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जब उनसे बात की तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मतदाताओं के पास अब इस देश के भविष्य के बारे में निर्णय लेने का विकल्प है.