अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आगामी राष्ट्रपति चुनाव में बतौर उम्मीदवार एक बार फिर मैदान में उतरेंगे. जो बाइडेन ने इसकी घोषणा मंगलवार को की. उन्होंने यह बड़ी घोषणा करते समय कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि लोकतंत्र को बचाने और काम पूरा खत्म करने के लिए अमेरिकी नागरिक आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उनका और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को फिर चुनेंगे. डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और मौजूदा राष्ट्रपति बाइडन ने तीन मिनट के एक प्रचार वीडियो को जारी कर यह घोषणा की. इस वीडियो की शुरुआत, ‘फ्रीडम' शब्द के साथ होती है. खास बात ये है कि राष्ट्रपति बाइडेन की उम्र 80 साल है और वह इस उम्र में भी एक बार फिर चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
"लोकतंत्र को बचाना है मकसद"
अपनी दावेदारी की घोषणा करते समय जो बाइडेन ने कहा कि 2024 में चुनावों में गर्भपात के अधिकार, लोकतंत्र की रक्षा, मतदान के अधिकार और सामाजिक सुरक्षा तंत्र सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक होंगे. अमेरिकियों की हर पीढ़ी ने एक ऐसे क्षण का सामना किया है जब उन्हें लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए आगे आकर खड़ा होना पड़ा. उन्हें अपने मौलिक स्वतंत्रता के लिए खड़ा होना पड़ा. मेरा मानना है कि यह हमारे अधिकार हैं. यही कारण है कि मैं फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहा हूं. हमारे साथ जुड़िए. आइए इस काम को संपन्न करें.
"रिपब्लिकन अतिवाद के खिलाफ है ये लड़ाई"
मौजूदा उपराष्ट्रपति भारतीय-अमेरिकी कमला हैरिस 2024 में भी इस पद (उपराष्ट्रपति) के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से अपनी दावेदारी पेश करेंगी. उनके प्रचार अभियान में कहा गया कि जो और कमला फिर से चुनाव के लिए मैदान में हैं, और इस बात के प्रसार-प्रचार के लिए हमें आपकी मदद की जरूरत है. जारी किए गए वीडियो में बाइडेन ने 2024 के चुनाव को रिपब्लिकन अतिवाद के खिलाफ लड़ाई करार दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें राष्ट्र के चरित्र को बहाल करने के लिए अपने संकल्प को पूरी तरह से साकार करने के लिए और समय चाहिए. बाइडेन ने आगे कहा कि जब मैं चार साल पहले राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में खड़ा हुआ था. तब मैंने कहा था कि हम अमेरिका की आत्मा के लिए लड़ रहे हैं. और हम अब भी लड़ रहे हैं. हम जिस प्रश्न का सामना कर रहे हैं वह यह है कि आने वाले वर्षों में हमारे पास अधिक स्वतंत्रता है या कम स्वतंत्रता, अधिक अधिकार हैं या कम.
वीडियो भी किया गया जारी
बता दें कि फिर चुनाव लड़ने की घोषणा करने को लेकर जारी किए गए वीडियो के शुरुआत में अमेरिकी उच्चतम न्यायालय में विरोध की तस्वीरें दिखाई गईं. इसके बाद उन्होंने कहा कि हम जिस प्रश्न का सामना कर रहे हैं वह यह है कि क्या आने वाले वर्षों में हमारे पास अधिक स्वतंत्रता होगी या कम . अधिक अधिकार होंगे या कम. बाइडन ने कहा कि मुझे पता है कि मैं क्या जवाब चाहता हूं और मुझे लगता है कि आप भी जानते हैं. यह संतुष्ट होने का समय नहीं है. इसलिए मैं दोबारा चुनाव लड़ रहा हूं.
बेहतर क्या है, हाथ से खाना या कांटा छुरी से? ज़ोहरान ममदानी के हाथ से खाने पर विवाद
Written by: अपूर्व कृष्णअमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियान्यूयॉर्क के मेयर चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी के हाथ से खाना खाने पर विवाद हो गया है. भारतीय मूल के ममदानी के हाथ से चावल खाने के एक वीडियो को लेकर यह विवाद पैदा हुआ. रिपब्लिकन नेता ब्रैंडन गिल ने इस तरह से खाने को असभ्य बताया है.
अमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.