
राष्ट्रपति पद की दौड़ में डोनाल्ड ट्रंप से हार स्वीकार करने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने समर्थकों से चुनाव परिणामों को स्वीकार करने का आग्रह किया और रिपब्लिकन पार्टी के नेता को सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित करने का वचन दिया. हॉवर्ड विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा रहीं हैरिस (60) ने विश्वविद्यालय में एक भावुक संबोधन में कहा कि ‘‘अमेरिका के लिए किए गए वादे की रोशनी हमेशा जलती रहेगी'' और उन्होंने इस अभियान को बढ़ावा देने वाली ‘‘लड़ाई'' को जारी रखने का संकल्प लिया.
अपने समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के प्रयास में उन्होंने कहा, ‘‘आज मेरा दिल भरा हुआ है. आपने मुझ पर जो विश्वास जताया है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं. मेरे दिल में अपने देश के लिए प्रेम और दृढ़ संकल्प है.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस चुनाव का नतीजा वह नहीं है जो हम चाहते थे, न ही वह जिसके लिए हमने लड़ाई लड़ी थी और न ही वह जिसके लिए हमने वोट दिया था. लेकिन जब मैं आपसे कहती हूं तो मेरी बात सुनिए तो अमेरिका के लिए किए गए मेरे वादे की लौ हमेशा जगमगाती रहेगी.''
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि लोग इस समय कई तरह की भावनाओं को महसूस कर रहे हैं. मैं समझती हूं. लेकिन हमें इस चुनाव के नतीजों को स्वीकार करना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का एक बुनियादी सिद्धांत चुनाव के नतीजों को स्वीकार करना है. हैरिस ने कहा कि उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की और उन्हें उनकी जीत पर बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ट्रंप से कहा कि हम उन्हें और उनकी टीम को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया में मदद करेंगे तथा हम सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण करेंगे.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में हमारी निष्ठा किसी राष्ट्रपति या पार्टी के प्रति नहीं बल्कि अमेरिका के संविधान के प्रति है.'' हैरिस ने कहा, ‘‘मैं इस चुनाव को स्वीकार करती हूं, लेकिन मैं उस लड़ाई को स्वीकार नहीं करती जिसने इस अभियान को बढ़ावा दिया.'' हैरिस ने अपने समर्थकों से देश के मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया.
ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान के संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने कहा, ‘‘नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने पूरे अभियान के दौरान उपराष्ट्रपति हैरिस के दृढ़, पेशेवर अंदाज और मजबूती से अपनी रखने की क्षमता की सराहना की और दोनों नेता देश को एकजुट करने के महत्व पर सहमत हुए.''
ममदानी से मुलाकात के पहले ही ट्रंप के बिगड़े बोल, न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर पर फिर की बयानबाजी
Edited by: Ashutosh Kumar Singhवर्ल्ड इकोनॉमी को AI करेगी ड्राइव, अमेरिकी कंपनियां अरबों डॉलर कर रही इन्वेस्ट: NDTV से बोले रुचिर शर्मा
Edited by: प्रभांशु रंजनदम आलू, चिली चिकन और चाय… न्यूयॉर्क के ‘देसी’ मेयर बनने के बाद ममदानी का स्पेशल लंच, शेयर की तस्वीर
Edited by: Ashutosh Kumar SinghDonald Trump- Zohran Mamdani Meeting: डोनाल्ड ट्रंप ने महीनों तक जोहरान ममदानी की आलोचना की है, उन्हें "कम्युनिस्ट पागल" करार दिया है और भविष्यवाणी की कि अगर डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ममदानी ने मेयर चुनाव जीता तो न्यूयॉर्क बर्बाद हो जाएगा.
NDTV के एडिटर इन चीफ राहुल कंवल के 'Walk The Talk' प्रोग्राम में ग्लोबल इंवेस्टर और लेखक रुचिर शर्मा ने लंबी बातचीत की है. उन्होंने बताया कि AI के क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश आ रहा है. आने वाले समय में वर्ल्ड इकोनॉमी को एआई ड्राइव करेगी.
जोहरान ममदानी की पहली विक्ट्री स्पीच में भी उनकी भारतीय जड़ें नजर आईं, जिसमें उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रसिद्ध ‘ट्रस्ट विद डेस्टिनी’ भाषण का हवाला दिया. जब मंच से उतरे तो ‘धूम मचा ले’ गाना बैकग्राउंड में बज रहा था.
1964 में हैदराबाद में जिया हाशमी और तनवीर हाशमी के घर गजाला का जन्म हुआ था. शुरुआती कुछ साल गजाला अपने नाना के घर मालकपेट में रहीं. गजाला जब सिर्फ 4 साल की थी, तभी अपने बड़े भाई के साथ अमेरिका आ गई थीं.
NYC Mayor Election Zohran Mamdani: अमेरिका में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत लिया है, जिसके बाद उनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि अमेरिका में ये चुनाव कैसे होते हैं.
Zohran Mamdani Wife Rama Duwaji: न्यूयॉर्क मेयर पर जोहरान ममदानी की जीत के पीछे उनकी पत्नी रामा दुवाजी की भी अहम भूमिका बताई जा रही है. डिजिटल मीडिया एक्सपर्ट ने पति के कंपेन में बड़ा योगदान दिया.
Zohran Mamdani vs Donald Trump: न्यूयॉर्क के नए मेयर जोहरान ममदानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को सीधे चुनौती दी है.
US Election Results: अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप को तगड़ा झटका लगा है. ट्रंप की लाख कोशिशों के बावजूद जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीत लिया है. वर्जीनिया और न्यू जर्सी में भी उन्हें झटका लगा.
जोहरान ममदानी सात साल की उम्र में न्यूयॉर्क शहर आ गए थे. उनके पिता महमूद ममदानी युगांडा के फेमस लेखक हैं और भारतीय मूल के मार्क्सवादी विद्वान हैं. उनकी मां मीरा नायर एक पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी फिल्म मेकर हैं.
बिहार-यूपी के गांवों से निकलकर आज अपनी वैश्विक पहचान बना चुके छठ पर्व की भावना और बिहार विधानसभा चुनाव पर रंधीर कुमार गौतम और केयूर पाठक की टिप्पणी.

