अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के सुपर ट्यूसडे में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जीत हुई है. इसके बाद निक्की हेली (Nikki Haley) ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए नॉमिनेशन की रेस से खुद को अलग कर लिया है. साथ ही उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने से इनकार कर दिया. हालांकि उनसे मॉडरेट्स और निर्दलियों का समर्थन हासिल करने का आह्वान किया है, जिन्होंने प्राथमिक तौर पर उनका समर्थन किया था.
हेली ने दक्षिण कैरोलिना के चार्ल्सटन में एक टेलीविजन संबोधन में कहा, "यह अब डोनाल्ड ट्रंप पर निर्भर है कि वह हमारी पार्टी और उससे अलग उन लोगों के वोट हासिल करें, जिन्होंने उनका समर्थन नहीं किया और मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे."
हेली नवंबर में होने वाले चुनाव में राष्ट्रपति जो बाइडन का सामना करने के अवसर के लिए ट्रंप के साथ प्रतियोगिता में थीं. हालांकि "सुपर ट्यूसडे" में उन्हें केवल एक राज्य में जीत हासिल की और नामांकन के लिए ट्रंप के रास्ते में वह किसी भी तरह की बाधा पेश नहीं कर सकीं.
52 साल की निक्की हेली को अपने मूल दक्षिण कैरोलिना के बाहर बहुत कम जाना जाता था. इससे पहले ट्रंप ने 2017 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र में राजदूत के रूप में नियुक्त किया था. इस दौरान उन्होंने एक स्पष्टवादी कंजर्वेटिव के रूप में अपनी छवि बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के हाई-प्रोफाइल पद का इस्तेमाल किया था.
उन्होंने ट्रंप की "अराजकता" और 2024 के रिपब्लिकन व्हाइट हाउस नामांकन के बीच खड़े होने वाली आखिरी चुनौती के रूप में खुद पर गर्व जताया. हेली ने कहा, "हमारे महान देश से हमें जो समर्थन मिला है, उसके लिए मैं कृतज्ञ हूं."
उन्होंने कहा, "लेकिन अब मेरे अभियान को रोकने का वक्त आ गया है. मैंने कहा कि मैं चाहती थी कि अमेरिकियों की आवाज सुनी जाए, मैंने ऐसा किया है. मुझे कोई पछतावा नहीं है."
हालांकि निक्की हेली ने अमेरिकी राज्य वर्मोंट में रिपब्लिकन प्राइमरी में डोनाल्ड ट्रम्प पर आश्चर्यजनक जीत हासिल की, जो 2024 में व्हाइट हाउस की दौड़ में उनकी दूसरी जीत थी. 98 फीसदी वोटों की गिनती के बाद निक्की हेली को 49.9 फीसदी वोट मिले हैं तो डोनाल्ड ट्रंप को 45.8 फीसदी वोट मिले हैं.
सुपर ट्यूसडे में आसान जीत के साथ ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के नामांकन के और करीब पहुंच गए हैं, जिससे एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उनका मुकाबला जो बाइडेन से होना तय माना जा रहा है.
जहां पर ट्रंप को निक्की हेली से चुनौती मिली थी, वहीं डेमोक्रेट प्राइमरी चुनाव में बाइडन के सामने कोई बड़ी चुनौती नजर नहीं आ रही है. बाइडन ने सामोआ को छोड़कर हर राज्य में जीत दर्ज की है.
ये भी पढ़ें :
* "मतदाताओं को आयात करना, 9/11 से भी बदतर": अमेरिकी राष्ट्रपति पर बरसे एलन मस्क
* EXPLAINER: क्या है सुपर ट्यूज़डे, अमेरिका के चुनावी कैलेंडर में क्यों है सबसे खास दिन
* "वो अपने सपने पूरे करने गया था..." : अमेरिका में भारतीय मूल के डांसर की मौत पर बोले परिजन
बीजेपी के चुनावी वादों में नया वादा शामिल - भारतीय शहरों में खुलेंगे अमेरिकी वाणिज्य दूतावास
Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्कजो बाइडेन की "ज़ेनोफ़ोबिया" टिप्पणी से बढ़ा विवाद, जानें क्या है इसका मतलब?
Edited by: स्वेता गुप्ताकौन होगा अमेरिका का अगला राष्ट्रपति? नास्त्रेदमस ने कर दी भविष्यवाणी, 13 Key से समझाया गणित
Edited by: संज्ञा सिंहLok Sabha Elections 2024: बीजेपी के अमृतसर से उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू (Taranjit Singh Sandhu) नया वादा करने में सबसे आगे हैं. उन्होंने बेंगलुरु के साथ अमृतसर में भी अमेरिकी वाणिज्य दूतावास (US Consulate) लाने का वादा किया है. दूतावास के वादे की सबसे पहले बात बीजेपी (BJP) सांसद तेजस्वी सूर्या ने की थी. पूर्व राजनयिक तरणजीत सिंह संधू ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. 61 साल के संधू ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले एक रोड शो किया, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर उनके साथ थे.
अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति बाइडेन (US Joe Biden) ने कहा," अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक बड़ा कारण यह है भी है, "क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं."
इस बार अमेरिका का चुनावी भविष्य क्या होगा, ये समझाने के लिए उन्होंने 13 कीज टू द व्हाइट हाउस नाम से प्रिडक्शन तैयार किया है. ये कीज असल में ट्रू और फॉल्स सवालों की एक फेहरिस्त है.
नोएम उन उम्मीदवारों की सूची में हैं, जिन पर डोनाल्ड ट्रंप अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में विचार कर रहे हैं. ट्रम्प को 5 नवंबर को डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ आम चुनाव का सामना करना है.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए चल रहे प्रचार के दौरान ट्रंप (US Elections 2024) अपने बयानों की वजह से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. 'नफरती भाषण' के लिए उनकी अक्सर आलोचना होती है. विशेषज्ञों को डर है कि ट्रंप के ऐसे भाषण से हिंसा का खतरा बढ़ रहा है.
अमेरिका की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सिख समुदाय के लोगों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में एक कार रैली निकाली. उन्होंने कहा कि "भाजपा की जीत न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया में भी शांति एवं स्थिरता लाने के लिए समय की मांग है."
ट्रंप की टिप्पणियों (US Presidential Election 2024) पर डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के प्रवक्ता एलेक्स फ्लॉयड ने सोमवार को एक बयान में कहा, "ट्रंप द्वारा यहूदी समुदाय के खिलाफ लगातार किए जा रहे भयावह,आक्रामक हमलों से यहूदी अमेरिकी बेहतर के हकदार हैं."
भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली और हरदीप सिंह पुरी को क्रमशः 2014 और 2019 में अमृतसर से हार का सामना करना पड़ा था.
US President Election: संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में अपनी स्थिति सुरक्षित करने के कुछ दिनों बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने निर्वाचित नहीं होने पर "खूनखराबा" की चेतावनी दी है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वह किस बारे में बात कर रहे थे.
जो बाइडेन से चुनाव के तुरंत बाद ही समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जब उनसे बात की तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मतदाताओं के पास अब इस देश के भविष्य के बारे में निर्णय लेने का विकल्प है.