नॉर्थ कोरिया ने गुरुवार को अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अमेरिका अपना राष्ट्रपति चुनाव कायदे से होते देखना चाहता है तो वो नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच चल रहे विवाद से दूर रहे और अपने काम से काम रखें. नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया के साथ किसी भी तरह की बातचीत या संबंधों को पूरी तरह से तोड़ लिया है, जिसकी अमेरिका ने आलोचना की थी.
KCNA न्यूज एजेंसी में जारी किए गए एक बयान में नॉर्थ कोरिया के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिका पर पलटवार करते हुए कहा कि इस मामले में अमेरिका का रुख दोहरापन वाला है. अधिकारी ने कहा, 'वॉशिंगटन को अपना मुंह बंद रखना चाहिए और अपने आंतरिक मामलों पर ध्यान देना चाहिए. '
डिपार्टमेंट ऑफ US अफेयर्स के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि क्वॉन जोंग गन ने कहा कि अगर अमेरिका नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को कायदे से कराना चाहता है, वो अपने काम से काम रखे. बता दें कि नॉर्थ कोरिया की यह धमकी तब आई है, जब किम-जोंग-उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐतिहासिक सिंगापुर समिट को दो साल पूरे हो रहे हैं. दोनों नेताओं की पिछले साल वियतनाम की राजधानी हनोई में मुलाकात होनी थी, जिसे कैंसल कर दिया गया था.
पिछले कुछ दिनों से नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच मामला तनावपूर्ण चल रहा है. नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया के बॉर्डर पर किम जोंग उन की सत्ता के खिलाफ पर्चे बंटने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और सारे संबंध तोड़ने की धमकी दी है. रिपोर्ट के अनुसार पहले कदम के रूप में नॉर्थ कोरिया (North Korea), कोरियाई देशों की संपर्क लाइन को काटने जा रही है. यह दोनों देशों की संपर्क लाइन के बीच काम करती थी साथ ही राष्ट्रपतियों के लिए तैयार की गई हॉट लाइन को भी खत्म कर दिया जाएगा. नॉर्थ कोरिया का कहना है कि उनके लोग दक्षिण कोरिया के विश्वासघाती रवैये से नाराज हैं. रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ कोरिया का मानना है कि दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने गैर-जिम्मेदाराना रूप से किम जोंग उन की गरिमा को चोट पहुंचाई है.
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चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
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अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
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