US Presidential election 2024: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी प्रक्रिया जारी है. 5 नवंबर (5 November Voting in United States) को मतदान है और फिर साफ हो जाएगा कि कौन देश का अलगा राष्ट्रपति होगा. देश के दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी पूरा जोर लगा रहे हैं. डेमोक्रैट्स की ओर से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) और रिपब्लिकन की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) चुनावी मैदान में हैं. दोनों ही प्रत्याशी और उनकी टीमें प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं. ऐसे में अब सभी के मन में यही सवाल होगा कि कौन आगे चल रहा है. इस संबंध में ताज़ा सर्वे क्या कहते हैं. यूएसए टुडे की खबर के मुताबिक हाल ही में जारी सर्वे के अनुसार कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप में कांटे की टक्कर चल रही है. मामला मामूली से बढ़त का है.
कमला हैरिस आगे, मगर ट्रंप में ज्यादा पीछे नहीं
सीबीएस न्यूज़ सर्वेक्षण (CBS Survey) में दिखाया गया है कि संभावित मतदाताओं के बीच हैरिस राष्ट्रीय स्तर पर ट्रम्प से 50%-49% आगे हैं, जो अक्टूबर के मध्य में 51%-48% के लाभ से थोड़ा कम है. यानि पहले से मार्जिन कम हुआ है.
महिला मतदाताओं में हैरिस को समर्थन
उधर, एबीसी न्यूज/इप्सोस सर्वेक्षण (ABC Survey) में संभावित मतदाताओं के बीच हैरिस को ट्रम्प से 51% से 47% तक आगे दिखाया गया. यहां पर बताया जा रहा है कि महिला मतदाताओं के बीच हैरिस को फायदा हो रहा है.
बेहद करीबी मामला
अब यह कहा जा रहा है कि मतदान के पहले तक मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है. मामला इतना करीबी हो रहा है कि कुछ प्रतिशत मतदाताओं का स्विंग किसी की भी हार और जीत तय कर सकता है. अब कहा जा रहा है कि सात राज्य व्हाइट हाउस की दौड़ में विजेता तय करेंगे.
एबीसी का सर्वे कह रहा है कि हैरिस आगे हैं, लेकिन दौड़ अभी भी कड़ी है. यह रिपोर्ट कहती है कि राष्ट्रीय स्तर पर संभावित मतदाताओं के बीच हैरिस को 51%-47% का फायदा है. एबीसी की रिपोर्ट का कहना है कि निर्णायक राज्यों पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, उत्तरी कैरोलिना, जॉर्जिया, एरिज़ोना और नेवादा में दौड़ बहुत करीब की है. सर्वे का यह भी कहना है कि पंजीकृत मतदाताओं में दोनों प्रत्याशियों के लेकर जोश है. सर्वेक्षण में हैरिस ट्रम्प से 49% मतों के मुकाबले 47% मतों से आगे हैं.
बता दें कि यह सर्वेक्षण 18-22 अक्टूबर के बीच 2,808 वयस्कों के बीच अंग्रेजी और स्पेनिश में ऑनलाइन आयोजित किया गया था. इसमें संभावित मतदाताओं के लिए सैंपलिंग एरर मार्जिन +/- 2.5 प्रतिशत हो सकता है. पंजीकृत मतदाताओं के लिए +/- 2 प्रतिशत अंक और स्विंग राज्यों में +/- 5.5 प्रतिशत अंक का एरर मार्जिन संभव है.
दोनों दलों के मुद्दे
गौर करने की बात यह है कि रिपब्लिकन पार्टी के लिए अर्थव्यवस्था और सीमा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जबकि डेमोक्रेट के लिए स्वास्थ्य देखभाल, लोकतंत्र मुद्दा है.
डेमोक्रैट उम्मीदवार और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को उन मतदाताओं से फायदा हो रहा है जो स्वास्थ्य देखभाल वाली विचारधारा का समर्थन करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग लोकतंत्र की रक्षा के मुद्दे पर कमला हैरिस का साथ दे रहे हैं. वहीं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसा कि चुनावी सभाओं में बोल रहे हैं वैसे ही उनके समर्थकों के विचार हैं. ऐसे मतदाता जो अर्थव्यवस्था और इमेग्रेशन नीति को लेकर चिंतित हैं उनके बीच ट्रंप की अच्छी पकड़ है.
क्या बदल सकते हैं समर्थक
डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक 90 फीसदी मतदाताओं ने स्वास्थ्य सेवा में सुधार की बात कही जबकि 64 फीसदी रिपब्लिकन समर्थकों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंता थी. वहीं 80 प्रतिशत रिपब्लिकन समर्थक और 91 प्रतिशत डेमोक्रैट समर्थक लोकतंत्र की रक्षा के मुद्दे पर वोट देंगे.
सर्वेक्षण में शामिल 96% पंजीकृत रिपब्लिकन समर्थकों ने कहा कि अर्थव्यवस्था उनके लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जबकि डेमोक्रेट्स समर्थकों में आंकड़ा 86% का रहा.
सीबीएस सर्वे में ट्रम्प, हैरिस में मामला बराबरी का चल रहा है.
सीबीएस सर्वे में कहा गया है कि हैरिस राष्ट्रीय स्तर पर ट्रम्प से 1 प्रतिशत मतों से आगे हैं, और दोनों चुनावी मैदान में 50%-50% की बराबरी पर हैं.
सीबीएस सर्वे में यह बात सामने आ रही है कि कई महिला मतदाताओं की पहली पसंद कमला हैरिस हैं. उनका मानना है कि कमला हैरिस राष्ट्रपति पद के लिए योग्य प्रत्याशी हैं जबकि ट्रंप के विचारों से ये महिलाएं सहमत नहीं दिखीं.
सीबीएस/YouGov का सर्वे 23-25 अक्टूबर के बीच 1,261 मतदाताओं के बीच आयोजित किया गया था. यहां पर सैंपलिंग एरर मार्जिन +/- 2.6 प्रतिशत अंक है, और सर्वेक्षण किए गए स्विंग राज्यों में एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, उत्तरी कैरोलिना, नेवादा, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन शामिल हैं.
USAID Funding Case: अमेरिका का भारत के चुनाव में दखल? USAID फंडिंग को लेकर ट्रंप के बयान के बाद मचे घमासान की पूरी कहानी
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
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एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
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