एनडीए की पूर्व सहयोगी और उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (Shivsena) ने सोमवार को अपने मुखपत्र सामना में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों (US Presidential Election 2020) और बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Election 2020) की तुलना करते हुए कहा कि अच्छा होगा कि भारत भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की हार से कुछ सीख ले. पार्टी ने कहा, 'ट्रंप राष्ट्रपति पद के हकदार कभी नहीं थे. अमेरिकी जनता ने ट्रंप को लेकर चार साल पहले जो गलती की थी, उसे ठीक कर लिया है. वो एक वादा भी पूरा नहीं कर पाए. अगर हम भी ट्रंप की हार से कुछ सीख पाएं तो अच्छा होगा.'
पार्टी ने कहा कि अमेरिका में कोविड-19 से ज्यादा बड़ी महामारी बेरोजगारी की फैली हुई है. हालांकि ट्रंप समाधान ढूंढने के बजाय असमानता का मजाक उड़ाते रहे और अपना राजनीतिक राग अलापते रहे. सामना के संपादकीय में लिखा है, 'अमेरिका में सत्ता बदल गई है. बिहार में सरकार के खिलाफ माहौल चरम पर है. विधानसभा चुनावों में नीतीश के नेतृत्व वाली NDA साफतौर पर हार रही है. देश में और कोई विकल्प नहीं है और लोगों को नेताओं को इस भ्रम से बाहर निकालना होगा.'
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शिवसेना ने कहा, 'यह भूलना नहीं चाहिए कि ट्रंप का स्वागत हमारे देश में कितनी गर्मजोशी से किया गया था. हमारे देश में गलत व्यक्ति के साथ खड़े होने का संस्कार नहीं है, लेकिन फिर भी ऐसा किया जा रहा है.' सेना ने कहा, 'जो बाइडेन अब राष्ट्रपति बनेंगे और भारतीय मूल की कमला हैरिस को अमेरिका का उप-राष्ट्रपति चुना गया है. ट्रंप ने उनकी उपलब्धियों की आलोचना की, उन्होंने एक महिला का सम्मान नहीं किया और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी हैं, जो ऐसे शख्स के साथ खड़े रहे.'
पार्टी ने लिखा, 'भारत ने चाहे कैसे भी 'नमस्ते ट्रंप' का आयोजन किया हो, अमेरिका के समझदार लोगों ने ट्रंप को 'बाय-बाय' कहकर अपनी गलती सुधार ली है. इसी तरह पीएम मोदी, नीतीश कुमार जैसे नेता भी बिहार चुनावों में तेजस्वी यादव के आगे टिक नहीं पाए हैं.'
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