अमेरिका के संघीय अभियोजक ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दे देंगे. पीस ने ही अडानी समूह की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी और उसके अधिकारियों पर रिश्वतखोरी के कथित आरोप लगाए थे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. उन्होंने कहा है कि वो राष्ट्रपति चुने गए डॉनल्ड ट्रंप के कार्यभार ग्रहण करने से पहले ही अपना कामकाज छोड़ देंगे.
न्यू यॉर्क के ब्रुकलिन के रहने वाले 53 साल के पीस ने बुधवार को एक बयान जारी की अपने इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अमेरिका के संघीय अभियोजक के रूप में काम करना उनके लिए जीवनभर न भूलने वाला अनुभव रहेगा.पीस को राष्ट्रपति बाइडेन ने 2021 में नियुक्त किया था. अमेरिका के चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप 20 जनवरी को कार्यभार संभालने वाले हैं. बयान में यह भी कहा गया है कि जनवरी 2025 में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद पीस की जगह कैरोलिन पोकॉर्नी लेंगे.उन्हें न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के लिए कार्यवाहक संघीय अभियोजक के रूप में नियुक्त किया जाएगा.
अमेरिकी आरोपों को अदाणी समूह ने नकारा
अदाणी समूह ने पीस की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन किया था. अदाणी ग्रीन एनर्जी ने एक बयान में कहा था कि गौतम अदाणी, सागर अदाणी और वरिष्ठ निदेशक विनीत जैन अमेरिकी न्याय विभाग के रिश्वतखोरी के सभी आरोपों से मुक्त हैं.
एजीईएल ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदाणी ग्रुप के अधिकारियों - गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और वरिष्ठ निदेशक विनीत जैन पर अमेरिकी विदेश भ्रष्टाचार कानून (एफसीपीए) के तहत रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे, जो कि पूरी तरह गलत हैं.
अदाणी ग्रीन एनर्जी ने अपने बयान में कहा था कि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से संबंधित आरोप में केवल अज़ूर पॉवर के रंजीत गुप्ता, सिरिल कैबेंस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल और सीडीपीक्यू (कैस डे डेपॉट एट प्लेसमेंट डू क्यूबेक - कनाडाई संस्थागत निवेशक और अज़ूर के सबसे बड़े शेयरधारक) का नाम शामिल है. बयान में कहा गया है कि अदाणी समूह के किसी भी अधिकारी का नाम इसमें नहीं है.
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