अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों (US Presidential Elections) से जुड़े मामले में अमेरिकी संघीय अपील अदालत (US Federal Appeals Court) ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (President Donald Trump) के उस दावे को सीधे तौर पर खारिज़ कर दिया है, जिसमें उन्होंने पेंसिल्वानिया में चुनाव में धांधली होने की शिकायत की थी. इसके साथ ही कोर्ट ने जो बाइडेन (Joe Biden) की जीत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
ट्रम्प के चुनाव अभियान समिति की तरफ से दाखिल की गई दलीलों की तीखी समीक्षा में कोर्ट ने तीन नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी होने के आरोपों को खारिज कर दिया. अपील अदालत के तीन जजों ने सर्वसम्मति से कहा कि धोखाधड़ी और अनुचित कार्यवाही के आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिए गए. इसलिए दावे को खारिज किया जाता है.
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कोर्ट ने कहा, "चुनाव में अनुचित और धोखाधड़ी के आरोप गंभीर हैं लेकिन सिर्फ चुनाव को अनुचित कह देने से अनुचित नहीं हो सकता." निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करते हुए ट्रम्प के अभियान पक्ष ने अदालती भेदभाव के आरोप लगाते हुए अपील की थी. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि अनुचित आरोप के रस शीशे को सोना नहीं बना सकता.
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देशभर की अदालतों में इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप के अभियान समूह और रिपब्लिकन समर्थकों को लगभग दो दर्जन बार हार का मुंह देखना पड़ा है, जिन्होंने अलग-अलग अदालतों में चुनाव में धांधली की शिकायतें की थीं. उनमें यह फैसला सबसे नया है. ट्रम्प खुद भी जो बाइडेन की जीत को संदेहास्पद बताते रहे हैं. गुरुवार को भी उन्होंने रिपोर्टरों से कहा, "बस आप समझ लीजिए, यह चुनाव एक धोखा था."
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
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