US presidential election 2024: संयुक्त राज्य अमेरिका मंगलवार को दशकों में सबसे कड़े राष्ट्रपति चुनावों में से एक का गवाह बनेगा. इसमें रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक नेता कमला हैरिस प्रमुख चुनावी राज्यों में अनिर्णीत मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अंतिम प्रयास कर रहे हैं. जैसे ही चुनाव के दिन की उलटी गिनती शुरू हुई, ट्रंप ने 2020 के चुनाव की कड़वी यादें ताजा कीं और कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस नहीं छोड़ना चाहिए था, जिससे यह आशंका पैदा हो गई कि अगर वह हैरिस से हार गए तो 5 नवंबर के मतदान के नतीजे को स्वीकार नहीं करेंगे.
पूरे अमेरिका में अर्ली और मेल-इन वोटिंग पर नज़र रखने वाली फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी की इलेक्शन लैब के अनुसार, रविवार तक 75 मिलियन से अधिक अमेरिकी अभी तक अपना वोट डाल चुके हैं.
अभी तक के अभियान में हैरिस चुनाव को देश में मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले चुनाव के रूप में पेश कर रही हैं, जबकि ट्रंप अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और अमेरिका को अवैध प्रवासियों से छुटकारा दिलाने का वादा कर रहे हैं.
ट्रंप और हैरिस में कांटे की टक्कर
उपराष्ट्रपति हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राजनीतिक रूप से निर्णायक चुनावी मैदान में हैं. दोनों ही समर्थन जुटाने के लिए लोगों के सामने अंतिम तर्क पेश रहे हैं. गौरतलब है कि विभिन्न सर्वेक्षणों में दोनों दावेदारों के बीच असाधारण रूप से कड़ी प्रतिस्पर्धा की भविष्यवाणी की जा रही है.
हालांकि, आयोवा में एक नए सर्वेक्षण में कहा गया है कि हैरिस ट्रंप के 44 प्रतिशत के मुकाबले 47 प्रतिशत से आगे हैं. ट्रंप ने इस पोल को तेजी से खारिज कर दिया है.
7 स्विंग स्टेट्स में से 4 जीतने वाले पहुंचेगा व्हाइट हाउस
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सात प्रमुख चुनावी राज्यों में से कम से कम चार राज्यों में लड़ाई जीतने वाले दोनों नेताओं में से कोई एक जनवरी में व्हाइट हाउस की बागडोर संभाल सकता है.
व्हाइट हाउस नहीं छोड़ना चाहिए था
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में मतगणना प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए, ट्रंप ने रविवार को पेंसिल्वेनिया में एक रैली में कहा कि उन्हें व्हाइट हाउस "छोड़ना" नहीं चाहिए था.
2020 में ट्रंप में चुनावी परिणाम पर सवाल उठाया था
जो बाइडेन को सत्ता में लाने वाले चुनाव के बाद ट्रंप ने मतदान प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था और परिणाम को अदालतों में चुनौती दी थी. बाद में कोर्ट ने ट्रंप के के दावों को खारिज कर दिया था.
अपने संबोधन में ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की आव्रजन नीति पर भी सवाल उठाए और कहा कि जब तक वह व्हाइट हाउस में हैं तब तक देश की सीमाएं सुरक्षित हैं.
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया के लिटित्ज़ में एक रैली में कहा, "जिस दिन मैंने छोड़ा, उस दिन हमारे देश के इतिहास में हमारी सीमा सबसे सुरक्षित थी. मुझे नहीं जाना चाहिए था. मेरा मतलब है, ईमानदारी से, क्योंकि .. हमने बहुत अच्छा किया था."
डेमोक्रेटिक पार्टी भ्रष्ट
रैली में ट्रंप ने हैरिस पर भी निशाना साधा और डेमोक्रेटिक पार्टी पर 'भ्रष्ट मशीन' होने का आरोप लगाया.
उन्होंने आरोप लगाया, "यह सब भ्रष्ट है. वह भ्रष्ट है. वह एक भ्रष्ट व्यक्ति है. मैं पूरी तरह से भ्रष्ट व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं."
"मैं वास्तव में उसके (हैरिस) खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं. मैं डेमोक्रेट पार्टी नामक एक भ्रष्ट मशीन के खिलाफ लड़ रहा हूं." पेंसिल्वेनिया सात चुनावी युद्ध के मैदानों में सबसे महत्वपूर्ण बनकर उभरा है, जहां 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं, इसके बाद उत्तरी कैरोलिना और जॉर्जिया में 16-16, मिशिगन में 15 और एरिज़ोना में 11 वोट हैं. अन्य राज्यों, विस्कॉन्सिन में 10 और नेवादा में छह हैं.
पेंसिल्वेनिया में रैली में ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका में "एक नए स्वर्ण युग" की शुरुआत करने का वादा किया और कहा कि वह बाइडेन-हैरिस प्रशासन के कुकर्मों को "ठीक" करेंगे.
ट्रंप उत्तरी कैरोलिना और जॉर्जिया में भी रैलियां कर रहे हैं जबकि हैरिस मिशिगन का दौरा कर रही हैं.
डेट्रॉइट में हैरिस की चुनावी रैली
डेट्रॉइट में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में, हैरिस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भविष्य में क्या कदम उठाएगा, यह तय करना अमेरिकी लोगों पर निर्भर है. हैरिस ने कहा कि ट्रंप देश के लिए हानिकारक होंगे.
उन्होंने कहा, "दो दिनों में, हमारे पास आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने देश का भाग्य तय करने की शक्ति है."
हैरिस ने कहा कि मैं एक ऐसे राष्ट्र को देखती हूं जो नफरत और विभाजन के खिलाफ है और आगे बढ़ने का एक नया रास्ता तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर एक कार्यकारी आदेश की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिकी सेना से सभी ट्रांसजेंडर सदस्यों को हटा दिया जाएगा.
एक्स के सीईओ एलन मस्क भारत की चुनाव प्रक्रिया के फैन हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए हैरानी जताई कि भारत में एक दिन में ही 64 करोड़ वोटों की गिनती हो गई.
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बॉन्डी ने लगभग 20 वर्षों तक अभियोजक के रूप में काम किया और उस दौरान उन्होंने अपराधियों के प्रति सख्त रुख अपनाया साथ ही फ्लोरिडा को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाया.