अमेरिका में जो बाइ़डेन की सत्ता चली गई है अब डोनाल्ड ट्रंप नए राष्ट्रपति (US President Donald Trump) होंगे. लेकिन ये बात अगर किसी को सबसे ज्यादा परेशान कर रही है तो वह हैं यूक्रेन को. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीरी जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ट्रंप के सत्ता में आने से परेशान नजर आ रहे हैं. जेलेंस्की का परेशान होना तो लाजमी है, उन्हें इस बात का डर सताने लगा है कि अमेरिका कहीं यूक्रेन को मिलने की वाली सैन्य और आर्थिक मदद रोक न दे. अब तक जो बाइडेन प्रशासन रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध के लिए उनकी मदद कर रहा था.
ये भी पढ़ें-बाइडेन और हैरिस ने ट्रंप को दी जीत की बधाई, कनाडा के पीएम ट्रडो क्यों चिंतित? जानिए क्या बोले
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्रंप के अमेरिकी चुनाव में जीतने पर उनको बधाई दी. उन्होंने उम्मीद जताई कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से यूक्रेन में शांति बहाली होगी. इसके साथ ही उन्होंने ट्रंप से बातचीत में दोनों देशों के आपसी सहयोग पर भी जोर दिया. वहीं अगर ट्रंप के पिछले बयानों को देखा जाए तो उन्होंने कहा था कि वह 24 घंटे में रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा सकते हैं. उन्होंने युद्ध को समाप्त करने के लिए विवादित जगहों को रूस को सौंप देने का भी सुझाव दिया था.
I had an excellent call with President @realDonaldTrump and congratulated him on his historic landslide victory—his tremendous campaign made this result possible. I praised his family and team for their great work.
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) November 6, 2024
We agreed to maintain close dialogue and advance our…
डोनाल्ड ट्रंप जिस तरह से यूक्रेन को मिलने वाली मदद को लेकर बाइडेन सरकार पर हमलावर रहे हैं, उससे तो जेलेंस्की की चिंता लाजमी है. ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बार-बार ये बात कही कि बाइडेन सरकार अमेरिका के लोगों के टैक्स का पैसा उन लोगों के बजाय दूसरे देशों की मदद पर खर्च कर रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने तो जेलेंस्की को शानदार सेल्समैन तक कह दिया था. क्यों कि वह बार-बार अमेरिका में आकर 60 बिलियन डॉलर लेकर चले जाते हैं.
ट्रंप सरकार में उपराष्ट्रपति बनने जा रहे जेडी वेंस ने भी कुछ समय पहले एक बयान में कहा था कि उनको यूक्रेन के भाग्य की परवाह नहीं है. ट्रंप और जेडी वेंस के बयानों के बाद जेलेंस्की की चिंता को लाजमी है. ट्रंप बार-बार रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने की बात जो करते रहे हैं.
अमेरिका गए राहुल गांधी के बयान पर फिर बवंडर, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में वोट देने के तरीके को बदलने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप, भारत का उदाहरण देकर बताया क्या जरूरी
Written by: NDTV इंडियाकनाडा के PM मार्क कार्नी रविवार को करेंगे बड़ा ऐलान, इसके पीछे की वजह भी जानिए
Edited by: श्वेता गुप्ताअमेरिका में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (Rahul Gandhi On Election Commission) पर निष्पक्षता से समझौता करने और सिस्टम में बहुत बड़ी गड़बड़ी होने का आरोप लगाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर साइन करके अमेरिका के फेडरल चुनावों में वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का डॉक्यूमेंट प्रूव देना अनिवार्य कर दिया है.
चुनाव के जल्द ऐलान से पता चलता है कि कार्नी अपनी लिबरल पार्टी के लिए वोटिंग में हुई वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं. जिसकी वजह मुख्य रूप से अमेरिकी टैरिफ और ट्रंप के बार-बार दिए गए बयानों को भी माना जा रहा है.
USAID Funding Case: अमेरिकी संस्था यूएसएड की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग पर ट्रंप के बयान से भारत में सियासी घमासान मचा है. भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. USAID फंडिंग का पूरा मामला क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी दक्षता विभाग के उस फैसले का बचाव किया है, जिसमें USAID के जरिए भारत को दी जाने वाली 1 अरब 80 करोड़ रुपये की मदद रोक दी गई है. यह मदद भारत में मतदान बढ़ाने के लिए दी जा रही थी.ट्रंप का कहना है कि भारत के पास बहुत पैसा है.
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि वह डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव हरा सकते थे, लेकिन पार्टी के कहने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा.
देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. यह एक तरह से दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति एलन मस्क को जवाब माना जा रहा था, जिन्होंने लेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे.
अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के समर्थक एच 1 बी वीजा पर भिड़े हुए है. इसकी शुरूआत श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति के बाद हुई. ट्रंप के कुछ समर्थक इस पर आपत्ति जताने लगे. लेकिन अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने इसका समर्थन करते हुए एच 1 बी वीजा में सुधार की बात कही है.
अमेरिकी न्याय विभाग में अटार्नी ब्रायन पीस ने कहा है कि वो 10 जनवरी को इस्तीफा दें देंगे. पीस को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नियुक्त किया था. वो चुने गए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद के लिए कम से कम 270 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. जिसके साथ ही वो रिपब्लिकन के शीर्ष दाता बन गए हैं.